मटवारी मस्जिद उल कादरी के मुअज्जिन पर हमला, सिर फटा, मोहल्ले वासियों में आक्रोश
मटवारी मस्जिद उल कादरी के मुअज्जिन पर हमला, सिर फटा, मोहल्ले वासियों में आक्रोश
मस्जिद कमिटी ने प्रेस वार्ता कर दी जानकारी, कहा आरोपी को सिर्फ थाने द्वारा पी आर बॉन्ड पर छोड़ दिया गया
हजारीबाग, झारखंड – जिले के कोर्रा थाना अंतर्गत बाबूगांव में स्थित मटवारी मस्जिद उल कादरी के मुअज्जिन मोहम्मद युनुस पर रविवार रात जानलेवा हमला हुआ। इस घटना से मोहल्ले वासियों में आक्रोश फैल गया है। बताया जा रहा है कि हमला मस्जिद से जुड़ी जमीन के विवाद को लेकर हुआ।
कैसे बढ़ा विवाद?
नई मस्जिद मटवारी मस्जिद उल कादरी के निर्माण कार्य को लेकर गांव में काफी समय से विवाद चल रहा था। मोहम्मद लियाकत पिता स्वर्गीय कल्लू मियाँ इस निर्माण का विरोध कर रहे थे। बताया जाता है कि तीन फीट जमीन को लेकर यह विवाद था।
मुअज्जिन मोहम्मद युनुस के अनुसार, लियाकत अली के भाई स्वर्गीय रियासत अली ने अपने जीवनकाल में ही मस्जिद के लिए वह तीन फीट जमीन वक्फ कर दी थी। लेकिन अब लियाकत अली न सिर्फ अपने हिस्से की तीन फीट जमीन देने से इनकार कर रहे थे, बल्कि अपने भाई द्वारा वक्फ की गई जमीन पर भी दावा कर रहे थे। इसी मुद्दे ने धीरे-धीरे तूल पकड़ लिया और आखिरकार इसने हिंसा का रूप ले लिया।
मुअज्जिन का बयान – "मुझे जान से मारने की कोशिश की गई"
मस्जिद के मुअज्जिन मोहम्मद युनुस ने हमले का विस्तृत विवरण दिया। उन्होंने कहा,
"मैं 16 फरवरी 2025 की रात, इशा की नमाज के बाद लगभग 8 बजे मस्जिद से बाहर निकला। तभी अचानक मोहम्मद लियाकत, उसके बेटे मोहम्मद शहजाद, मोहम्मद गुलजार और उनकी परिवार की महिलाएँ – रेहाना खातून, काजल खातून, गजाला खातून – सभी मुझ पर लाठी-डंडे से हमला करने लगे। मैंने जब पूछा कि मुझे क्यों मार रहे हो, तभी लियाकत और उसके बेटों ने मुझे जमीन पर पटक दिया। फिर रिवॉल्वर के बट से मेरे सिर पर हमला किया, जिससे मैं बुरी तरह घायल हो गया। कुछ समय के लिए मेरी आंखों के सामने अंधेरा छा गया।"
उन्होंने आगे कहा कि जब उन्होंने मदद के लिए चिल्लाया तो रेहाना खातून ने उनका मुंह दबा दिया, और काजल खातून व गजाला खातून ने उनके पॉकेट से 1000 रुपए निकाल लिए। किसी तरह जान बचाकर वे वहां से भागने में सफल रहे।
हमले के बाद मोहल्ले वासियों में आक्रोश
घटना की जानकारी मिलते ही गांव के लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा हो गए और मस्जिद परिसर में हंगामा करने लगे। लोग दोषियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे थे। मस्जिद कमेटी और कई मोहल्ले वासियों ने इस घटना को शर्मनाक बताते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की अपील की है।
वहीं, जब "मोहम्मद लियाकत अली से संपर्क किया गया तो वो अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को उत्तर देने से परहेज करने लगे कहने लगे हमारे घर के महिलाओं से ब्यान लीजिए।"
पुलिस जांच में जुटी, आरोपियों पर हो सकती है कार्रवाई
कोर्रा थाना प्रभारी ने बताया कि घायल मुअज्जिन मोहम्मद युनुस का मेडिकल परीक्षण कराया गया है और उनकी शिकायत के आधार पर मामले की जांच की जा रही है।
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, पुलिस जल्द ही इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकती है।
इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि संपत्ति और धार्मिक स्थलों से जुड़े विवाद किस तरह हिंसा का रूप ले सकते हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है और ग्रामीण न्याय की मांग कर रहे हैं। अब देखना होगा कि प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है।
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