मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की शुरुआत: 2021-22 में 719 आवेदनों को मंजूरी, इस वर्ष आए मात्र 208,लेकिन इनमें से कितने आवेदकों को बैंक से लोन मिल पाया, इसकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं है।योजना का प्रचार प्रसार के बावजूद हजारीबाग जिला में ही इसका लाभ पाने वालों की संख्या कम है।
मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की शुरुआत: 2021-22 में 719 आवेदनों को मंजूरी, इस वर्ष आए मात्र 208,लेकिन इनमें से कितने आवेदकों को बैंक से लोन मिल पाया, इसकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं है।
योजना का प्रचार प्रसार के बावजूद हजारीबाग जिला में ही इसका लाभ पाने वालों की संख्या कम है।
झारखंड में बेरोज़गार युवक युवतियों को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 2020-21 मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की शुरुआत की गई है। योजना के तहत बेरोजगार युवक युवतियों को अपना रोजगार शुरू करने के लिए बैंक से लोन उपलब्ध कराना ताकि लाभुक अपना खुद का रोजगार शुरू कर सके।
इसे झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बताया जाता है और झारखंड सरकार भी इस योजना का प्रचार प्रसार उसी अंदाज से कर रही है मगर इसका अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आ रहा है। योजना का प्रचार प्रसार के बावजूद हजारीबाग जिला में ही इसका लाभ पाने वालों की संख्या कम है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2021-22 में हजारीबाग जिला अंतर्गत इस योजना के तहत 719 लाभुकों के आवेदन जिला स्तरीय समिति द्वारा स्वीकृत किए गए हैं। लेकिन इनमें से कितने आवेदकों को बैंक से लोन मिल पाया, इसकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं है। उसी प्रकार अभी वर्ष 2022-23 के लिए जिला स्तरीय समिति के समक्ष 208 आवेदन आए हैं, जिस पर समिति को निर्णय लेना है।
किसके लिए है योजना
यह योजना झारखंड के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ी जाति, अल्पसंख्यक तथा दिव्यांग के लिए है। इसके तहत 50 हजार रुपए से लेकर 25 लाख रुपए तक लोन उपलब्ध कराने का प्रावधान है। 50 हजार तक के लोन के लिए किसी गारंटर की आवश्यकता नहीं होती लेकिन 50 हजार से अधिक के लोन के लिए गारंटर अनिवार्य है।
इस योजना के तहत लाभ लेने के लिए संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी या जिला में आवेदन किया जा सकता है। आवेदन करने के लिए आवेदक का जाति, आवासीय, आय प्रमाण पत्र ऑनलाइन जारी किया हुआ होना चाहिए। इसके अलावा बैंक पासबुक, आयु संबंधी प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, पैन कार्ड तो चाहिए ही, वाहन के लिए आवेदन करने पर वाहन का कोटेशन तथा ड्राइविंग लाइसेंस भी देना जरूरी है।
दस लाख रुपए से अधिक के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तथा कुछ अन्य दस्तावेज भी मांगें जाते हैं। इस योजना के तहत लोन पर 40 प्रतिशत या पांच लाख रुपए जो भी कम हो, सब्सिडी का प्रावधान है।
गारंटर की अनिवार्यता में फंस जाता है पेंच
एक अधिकारी ने बताया कि 50 हजार रुपए तक के लोन के लिए गारंटर की अनिवार्यता नहीं है लेकिन उससे अधिक के लिए गारंटर अनिवार्य है। जबकि बैंक लोन मामले में गारंटर मिलना आसान नहीं होता है। ऐसे में लोन स्वीकृत होने के बावजूद लाभुक योजना के लाभ से वंचित रह जाते हैं।
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