जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पचास प्रतिशत बच्चों को पोशाक नहीं मिली है। बच्चों के ड्रेस को लेकर कोई भी संबंधित पदाधिकारी गंभीर नहीं है।
जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पचास प्रतिशत बच्चों को पोशाक नहीं मिली है। बच्चों के ड्रेस को लेकर कोई भी संबंधित पदाधिकारी गंभीर नहीं है।
जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पचास प्रतिशत बच्चों को पोशाक नहीं मिली है। बगैर स्कूल ड्रेस के ही बच्चे स्कूल में पढ़ने आ रहे हैं। जिले के सरकारी स्कूलों में क्लास एक से आठ तक के एक लाख 55 हजार बच्चे पढ़ते हैं। क्लास एक एवम् दो के बच्चों के पोशाक की राशि स्कूल प्रबंधन समिति के खाता में भेज दी जाती है जबकि क्लास तीन से आठ तक के बच्चों को पोशाक की राशि डायरेक्ट उनके बैंक खाते में भेज दी जाती है। बताया जाता है कि क्लास एक एवम् दो के 43 हजार बच्चों के स्कूल ड्रेस की राशि समिति के बैंक खाता में भेज दी गई है। क्लास तीन से आठ के 36 हजार बच्चों के खाता में राशि भेज दी गई है। इसमें कितने बच्चे पास स्कूल ड्रेस है। इसकी कोई जानकारी डीएसइ को नहीं है। स्कूल की ओर से उपयोगिता प्रमाण पत्र भी नहीं भेजी गयी है। जिले के 76 हजार बच्चों के लिए तो अब तक राशि ही नहीं भेजी गई है। ऐसे में इन स्कूली बच्चों को कब स्कूल ड्रेस मिलेगी यह पहेली ही बनी हुई है। इधर, जिले में ठंड का प्रकोप बढ़ रहा है। हजारों स्कूली बच्चों के पास स्वेटर भी नहीं है। यदि इन बच्चों को ड्रेस की राशि मिल गई होती तो उन्हें ठंड में स्वेटर की कमी महसूस नहीं होती। स्कूल ड्रेस में स्वेटर भी शामिल है। बच्चों के ड्रेस को लेकर कोई भी संबंधित पदाधिकारी गंभीर नहीं है।
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