झारखंड के हजारीबाग जिले में जीटी रोड पर दनुआ घाटी है। यहां से अगर आप गुजर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। यहां सबसे अधिक हादसे होते हैं। इस मार्ग पर कई खतरनाक स्थान हैं। इसे लोग अब मौत की घाटी के रूप में भी जानने लगे हैं।

झारखंड के हजारीबाग जिले में जीटी रोड पर दनुआ घाटी है। यहां से अगर आप गुजर रहे हैं तो सावधान हो जाइए। यहां सबसे अधिक हादसे होते हैं। इस मार्ग पर कई खतरनाक स्थान हैं। इसे लोग अब मौत की घाटी के रूप में भी जानने लगे हैं।



जिले की सबसे खतरनाक सड़क ही ब्लैक स्पॉट से बाहर है।

चौपारण से चेकपोस्ट तक 20 किलोमीटर में 8 तीखें मोड़ है। लेकिन चेतवानी को लेकर कोई बोर्ड नही है।

जिले की 300 किमी की सर्वे में कई चौकाने वाली बाते सामने आईं हैं। जिले की सबसे खतरनाक सड़क ही ब्लैक स्पॉट से बाहर है। हम सबसे पहले बात कर रहे हैं झारखंड और बिहार सीमा पर एनएच दो जीटी रोड पर मौजूद दनुआ घाटी की। इसे लोग अब मौत की घाटी के रूप में भी जानने लगे हैं। 1 साल में यहां पर छोटी बड़ी 40 से अधिक दुर्घटनाएं हुई। इसमें 21 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। ताज्जुब तो तब हुआ जब ब्लैक स्पॉट के बारे में छानबीन की गई। 

इसलिए ब्लैक स्पाट की सूची में शामिल नहीं

जानकारी मिली कि यह दुर्घटना संभावित क्षेत्र ब्लैक स्पॉट से बाहर है। इसकी सबसे बड़ी वजह बताई जाती है कि यहां पर दुर्घटनाओं में शामिल अधिकांश वाहन दूसरे राज्य के होते हैं जिस वजह से मामले दर्ज नहीं होते। ऐसे में दुर्घटनाएं थाने तक नहीं पहुंचने की वजह से ही इसे सरकारी रिपोर्ट में ब्लैक स्पॉट से बाहर कर दिया गया। हालांकि, कुछ दिन पहले सड़क सुरक्षा को लेकर हुई बैठक में इसे फिर से ब्लैक स्पॉट में लाने की कवायद की गई है। इसके अलावा भी सड़क में कई खामियां मिली।

कई तीखे मोड़ पर सूचनापट तक नहीं मौजूद

चोरदाहा चेकपोस्ट से चौपारण की ओर बढ़ने पर तीन किलोमीटर के दायरे में कई तीखे मोड़ हैं लेकिन वहां पर सूचना को दर्शाती बोर्ड की संख्या बेहद कम है । इक्के दुक्के स्थान पर ही बोर्ड लगाए गए हैं। वही चौपारण से गया की ओर जाने पर ठीक हथिया बाबा मंदिर के पास तेज ढलान है उसके ठीक सामने खाई है, जिसमें पहले कई वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो चुकी है। 10 मई 2019 को महारानी बस के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद दिल्ली से यहां पहुंची एनएचएआई की टीम ने भी सड़क में तकनीकी खामियों का जिक्र किया था। रिपोर्ट ने सड़क की चौड़ाई कम बताई थी । साथ ही यहां पर खाई का भी जिक्र किया था। हालांकि उसके बाद काम के नाम पर यहां सिर्फ खानापूर्ति हुई। स्थितियां पहले की तरह ही बनी हुई है। चौपारण से चेकपोस्ट तक 20 किलोमीटर में 8 तीखें मोड़ है। लेकिन चेतवानी को लेकर कोई बोर्ड नही है।


इस मार्ग पर फ्लाईओवर का हो रहा है निर्माण

चौपारण से बरही के बीच की दूरी 23 किलोमीटर है। वही चौपारण के पास 2 किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन यहां भी घोर लापरवाही बरती जा रही है। निर्माण सामग्री सड़क के किनारे ही रख दी जा रही है। यहां तक की यहां तक कि निर्माण की जानकारी को लेकर कहीं कोई संकेतक नहीं लगाए गए हैं। साथी निर्माणाधीन पिलर अवैध पार्किंग के स्थान बन गए हैं। गाड़ियां जैसे तैसे यहां खड़ी कर दी जाती हैं। चौपारण से बरही की ओर ही बढ़ने पर 6 लेने निर्माण की वजह से तीन डायवर्सन है। लेकिन यहां बोर्ड लगाने की जगह पर सिर्फ सड़क के किनारे ही निर्माणाधीन सामग्री पर सूचना लगा दी गई है। इससे हमेशा यहां दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।


हजारीबाग से विष्णुगढ़ तक सड़क गड्ढों में तब्दील

एनएच 100 हजारीबाग से विष्णुगढ़ तक की सड़क पूरी तरीके से गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। इस मार्ग पर कई बड़े जानलेवा गड्ढे हैं। करीब 60 किलोमीटर की है सड़क पर 150 से अधिक बड़े गड्ढे होंगे। दारू थाने के पास, सेवाने नदी पुल के दोनो ओर, 17 माइल के पास के पास, बिजली सब स्टेशन के पास, एसबीआई टाटीझरिया के पास, बेनीपुर बाबा मंदिर के पास, के पास, कमला पुल के पास तो सड़क बेहद ही खराब है और पूरी सड़क ही गड्ढे में तब्दील हो चुकी है। इसके अलावा 3 नए पुलों का निर्माण सड़क पर किया गया है लेकिन कहीं भी पुराने पुल के पास संकेतक नहीं है। इसके अलावा पुल की चौड़ाई भी कम रखी गई है। इस वजह से ही 1 माह पहले गिरिडीह से रांची जा रही बस टाटीझरिया के पास पुल के नीचे गिर गई थी, जिसमें 8 लोगों की जान चली गई थी।


सर्वे के दौरान सामने आई बातें

➡️हजारीबाग बड़कागांव रोड में बोकारो पुल के पास नए पुल का निर्माण हो रहा है लेकिन यहां कोई भी सूचना बोर्ड नहीं लगा है। डायवर्सन भी बेहद खराब स्थिति में है। पुल की छड़े निकली हुई है जिससे कभी भी हादसा हो सकता है।

➡️बड़कागांव हजारीबाग मार्ग में ही कई तीखे मोड़ हैं लेकिन संकेतक नही है।

➡️इटखोरी मोड़ से पदमा जाने वाली सड़क राज्य मार्ग के अंतर्गत आती है। करीब 30 किलोमीटर की सड़क पर 15 से अधिक बड़ी ब्रेकर है। इन्हें बेतरतीब तरीके से बना दिया गया है।
➡️चरही घाटी से हजारीबाग फोरलेन एनएच 33 में हत्यारी मोड़ के पास फ्रॉग ब्रेकर बनाया गया है। लेकिन बोर्ड लगाकर इसकी जानकारी नहीं दी गई है जिससे कई भारी वाहन यहां पर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं।




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