जातिवादी BCCI?:संजू सैमसन और सूर्या को बांग्लादेश वनडे से बाहर रखने पर विवाद, एक जाति को प्रमोट का आरोप। 40 हजार लोगों ने #CastistBCCI पर पोस्ट डालाSports News
जातिवादी BCCI?:संजू सैमसन और सूर्या को बांग्लादेश वनडे से बाहर रखने पर विवाद, एक जाति को प्रमोट का आरोप। 40 हजार लोगों ने #CastistBCCI पर पोस्ट डाला!
क्या भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI जाति देखकर टीम इंडिया में खिलाड़ियों का सिलेक्शन करता है?
अगले महीने बांग्लादेश दौरे को लेकर चुनी गई टीम को लेकर इस तरह के आरोप बोर्ड पर लगने लगे हैं। शानदार फॉर्म में चल रहे सूर्यकुमार यादव और प्रतिभाशाली विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन को बांग्लादेश में होने वाली वनडे सीरीज के लिए भारतीय टीम में नहीं चुना गया है। तब से सोशल मीडिया पर कास्टिस्ट BCCI यानी जातिवादी BCCI ट्रेंड कर रहा है।
बांग्लादेश दौरे के लिए टीम इंडिया से सूर्या और सैमसन को बाहर रखे जाने की खबर आते ही ट्विटर पर फैंस ने BCCI को निशाना बनाना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में #CastistBCCI ट्रेंडिंग हैशटैग बन गया और समाचार लिखे जाने तक करीब 40 हजार लोग इस हैशटैग पर पोस्ट लिख चुके थे।
ज्यादातर पोस्ट में ऋषभ पंत को लगातार फेल होने के बावजूद टीम इंडिया में मौका दिए जाने का विरोध हो रहा है। पंत व्हाइट बॉल क्रिकेट में अब तक उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। उन्होंने अब तक 27 वनडे मैचों में 36.52 की औसत से 840 रन बनाए हैं। टी-20 इंटरनेशनल में उनका प्रदर्शन और भी कमजोर है। इस फॉर्मेट में उन्होंने 66 मैचों में 22 की औसत से 987 रन बनाए हैं।
विरोध करने वालों का मानना है कि केरल के विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन का दावा पंत की तुलना में ज्यादा मजबूत है। सैमसन ने अब तक 10 वनडे मैचों में 73.50 की औसत से 294 रन बनाए हैं। टी-20 इंटनेशनल में सैमसन का रिकॉर्ड भी पंत की तरह कमजोर रहा है। उन्होंने 16 टी-20 में 21 की औसत से 296 रन बनाए हैं। हालांकि सैमसन को कभी निरंतर रूप से भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला है।
BCCI का कहना है कि सूर्यकुमार यादव को बांग्लादेश दौरे से आराम दिया गया है। सूर्या जुलाई से लगातार क्रिकेट खेल रहे हैं और वर्ल्ड कप के बाद वे न्यूजीलैंड के खिलाफ भी खेले थे। भास्कर ने जब इस बारे में BCCI के कुछ अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि वर्कलोड मैनेजमेंट के तहत सूर्या को आराम दिया गया है। हालांकि यह फैसला सूर्या के फैंस को रास नहीं आ रहा है। उनका कहना है कि सूर्या को वैसे ही काफी देरी से भारत के लिए खेलने का मौका मिला है। ऐसे में जब वे अच्छी बल्लेबाजी कर रहे हैं तो उनको ज्यादा से ज्यादा मैच देना चाहिए।
जातिवादी BCCI हैशटैग से जितने पोस्ट लिखे गए उनमें से कई में बोर्ड पर एक जाति (ब्राह्मण) को ज्यादा तरजीह देने के आरोप भी लगे हैं। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने अपने पोस्ट में लिखा कि भारत के 11 खिलाड़ियों में 7 ब्राह्मण होते हैं। मौजूदा समय में टीम के कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ भी ब्राह्मण हैं।
मंडल ने भारतीय क्रिकेट में पिछड़ी जातियों और अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव का आरोप भी लगाया है। इसके समर्थन में उन्होंने एक पोस्ट भी शेयर किया है जिसके मुताबिक भारत के लिए अब तक टेस्ट खेल चुके 302 क्रिकेटर्स में सिर्फ 5% मुसलमान शामिल रहे हैं। वहीं, शेड्यूल्ड कास्ट की जातियों को महज 8% प्रतिनिधित्व मिला है। भारत की कुल आबादी में मुसलमानों की हिस्सेदारी करीब 15% और शेड्यूल्ड कास्ट जातियों की हिस्सेदारी 25% है।
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