हजारीबाग सिविल कोर्ट में एनडीपीएस एक्ट की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषियों को 20 वर्ष का सश्रम कारावास और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई।

 हजारीबाग सिविल कोर्ट में एनडीपीएस एक्ट की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषियों को 20 वर्ष का सश्रम कारावास और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई। 

हजारीबाग सिविल कोर्ट में मंगलवार को एनडीपीएस एक्ट की सुनवाई के बाद कोर्ट ने दोषियों को सजा सुना दी। यह सजा जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय सह विशेष न्यायधीश एनडीपीएस दिनेश कुमार मिश्रा ने सुनाई। सजा पाने वालों में राजस्थान राज्य के जोधपुर जिला निवासी अनिल बिश्नोई पिता बाबूलाल और राजू राम पिता ओमप्रकाश को यह सजा सुनाई गई है। सजा के तौर पर उन्हें एनडीपीएस एक्ट की धारा 15 (C) के तहत 20-20 वर्ष का सश्रम कारावास और एक-एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई गई है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दोनों को एक-एक वर्ष का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। मामले का सारांश यह है कि दिनांक पांच जून 2018 को जीटी रोड चौपारण थाना के अंतर्गत पांडेयबारा देव पेट्रोल पंप के नजदीक एक ट्रेलर (नंबर RJ19GD/7360) को पकड़ा गया था। उक्त वाहन के चालक अनिल बिश्नोई एवं राजूराम के वाहन की जब तलाशी ली गई तो उनके पास से एक हजार किलो डोडा चौपारण थाना की पुलिस ने बरामद किया था। उसके बाद उन्हें उचित कार्रवाई करते हुए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था।

इस मामले में विशेष लोक अभियोजक एनडीपीएस शशिकांत ओझा ने छह अभियोजन गवाहों और विधि विज्ञान प्रयोगशाला के आधार पर अपना पक्ष रखा। वहीं दूसरी और बचाव पक्ष की ओर से विकास चंद्र अधिवक्ता थे। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट ने यह सजा सुना दी। यह मामला मामला चौपारण थाना कांड संख्या 123/18 और एनडीपीएस कांड संख्या 10/18 से संबंधित है।

टिप्पणियाँ