10 हजार रुपये लेने के बाद भी नहीं दी झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय ने भ्रष्टाचार से संबंधित सूचना।
10 हजार रुपये लेने के बाद भी नहीं दी झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय ने भ्रष्टाचार से संबंधित सूचना।
हजारीबाग : झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय द्वारा संचालित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय और झारखंड आवासीय बालिका विद्यालय में आकंठ भ्रष्टाचार हो रहा है। इसे झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के संबंधित पदाधिकारी प्रश्रय दे रहे हैं। यहीं कारण है कि भ्रष्टाचार से जुड़े मांगी गई जानकारी पर सूचना देने के आलोक में 10 हजार रुपये लेने के बावजूद झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के जन सूचना पदाधिकारी ने सूचना नहीं दी। हद तो तब हो गया जब आवेदक को प्रथम अपीलीय पदाधिकारी ने भी सूचना नहीं दी। सूचना मांगने वाले शिक्षक दीपक कुमार मेहता अब कोर्ट जाने की तैयारी कर रहे है। ज्ञात हो कि दीपक ने आठ सूत्री जानकारी मांगी थी। जानकारी में कस्तूरबा के लेखापाल, कस्तूरबा प्रभाग के प्रभारी, शिक्षकों की सूची के अलावा खरीदे गए वस्तुओं का किस मद में भुगतान किया गया है, इसकी जानकारी मांगी थी। अप्रैल माह में पत्र दिया गया था। मई में कार्यालय की ओर से सूचित किया या था कि सूचना तैयार है, देने के एवज में खर्च के रूप में 10 हजार रुपये जमा करा दीजिए। आवेदक ने मांग के अनुसार खाते में चेक के माध्यम से 10 हजार रुपए भी जमा करा दिए। बावजूद इसके विभाग पैसे लेकर भी सूचना उपलब्ध नहीं करा रही है।
सूचना दे कैसे, खुल जाएंगे करोड़ों के भ्रष्टाचार।
दरअसल 10 हजार रुपए मांग कर परियोजना परिषद के पदाधिकारियों ने यह सोचा था कि पैसे की डिमांड की जाएंगी तो शायद आवेदक पैसा न जमा कराए। परंतु आवेदक ने पैसे जमा करा दिए। अब मामला उलटा हो गया, अगर सूचना देगी तो कस्तूरबा गांधी में बरती जा रही अनियमितता कई लोगों की नौकरी खा जाएंगी। वहीं कई लोगों पर प्राथमिकी भी दर्ज हो सकता है।
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