झारखंड जन संस्कृति मंच हजारीबाग का मासिक कवि सम्मेलन संपन्न, कवियों की रचनाओं ने बांधा समां
झारखंड जन संस्कृति मंच हजारीबाग का मासिक कवि सम्मेलन संपन्न, कवियों की रचनाओं ने बांधा समां
हजारीबाग के पेंशनर कार्यालय में आयोजित इस कवि सम्मेलन में बड़ी संख्या में कवि-साहित्यकार हुए शामिल।
भावनात्मक, समसामयिक और जनवादी रचनाओं ने दर्शकों को किया मंत्रमुग्ध। शहीदों को समर्पित कविताओं ने दी श्रद्धांजलि।
हजारीबाग : झारखंड जन संस्कृति मंच हजारीबाग का मासिक कवि सम्मेलन पेंशनर कार्यालय में आयोजित हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में कवि साहित्यकार उपस्थित हुए। चार घंटे तक चले इस कवि गोष्ठी में अध्यक्ष हितनाथ झा, मुख्य अतिथि कवि प्रमोद रंजन और विशिष्ट अतिथि पेंशनर समाज के उपाध्यक्ष राजु विश्वकर्मा रहे। सर्व प्रथम प्राध्यापिका सह कवियत्री डॉ प्रमिला ने कविता क्या है? को परिभाषित करते हुए विस्तार आलेख का पाठ किया। डाक्टर प्रमिला गुप्ता ने कहा कि कवि का विचारात्मक और गहन भावनात्मक योगदान देश और समाज की दिशा तय करता है। सच पूछा जाय तो कविता आदमियत की पहली सीढ़ी है। विषय प्रवेश कराने के पश्चात "मैं स्त्री हूं" कविता सुनाई जिसे खुब प्रसंशा मिली। कवियत्री सह अध्यापिका सुप्रिया रश्मि ने श्रंगार रस की कविता और गीत से अपनी रचना को प्रस्तुत किया जिसे काफी सराहना मिली। प्रसिद्ध जनवादी लेखक विचारक,कवि गणेश चंद्र राही ने हवा आदिवासी हैं और जिंदगी को लकवा मार गया,मार्मिक एवं सार्थक कविता सुनाई जिसे खुब सराहना मिली। कवि-शिक्षक विजय कुमार कर्ण ने भक्ति रस से सराबोर कुंभ पर रचना और छात्रा सह कवियत्री लक्की कुमारी ने प्रभू कब दर्शन दोगे एवं अन्य कविताएं सुनाईं। कवियत्री सह छात्रा प्रियांशी कुमारी ने अपनी समसामयिक और सारगर्भित कविता दलित कौन सुना खुब तारीफ पाई। कवि-अधिवक्ता अरविंद झा ने राष्ट्रद्रोह का तमगा का पाठ किया। प्रगतिशील कवि शिक्षक विजय कुमार राणा ने आवश्यक एवं सार्थक रचना अरे ओ कुंभ जाने वालों सुनाई जिसे खुब सराहना मिली। अवकाश प्राप्त बीएसएफ अधिकारी जागेश्वर राम 'जागी' ने अजब-गजब दुनिया का रीत देखा और पेंशनर समाज के उपाध्यक्ष राजु विश्वकर्मा ने भिखमंगों की बारात कविता सुनाई। खोरठा एवं हिन्दी के प्रसिद्ध कवि अनंत ज्ञान ने हजारीबाग,झारखंड के शहीद वीर सपूत कैप्टन करमजीत सिंह 'बक्शी' के शहादत पर श्रद्धांजलि कविता सुनाकर सबको भावुक और मर्माहत कर दिया। कवि विवेक कुमार सपनों का शहर और प्रसिद्ध युवा खोरठा कवि संजीत कुमार ने जाड़े की धूप सुनाई जिसे खुब प्रसंशा मिली। कवियत्री संध्या झा ने शहिदों पर अपनी रचना चिरनिंद्रा का पाठ किया। कवि-शिक्षक संजय हजारीबागी ने दिल्ली स्टेशन पर भगदड़ और यूट्यूब चैनल के युवा शायर और ग़ज़ल कार आसिफ़ ने अपनी ग़ज़लों को सुनाया जिसे खुब सराहना मिली। फेसबुक के प्रसिद्ध कवि प्रमोद रंजन ने अपनी दो रचनाएं चलो पूछते हैं,क्षमा बनाम प्रतिशोध और जिंदगी जिंदगी से बाहर है सुनाया जिसे खुब प्रसंशा मिली। इसके अलावा अवकाश प्राप्त शिक्षक मिथिलेश कर्ण, दिनेश्वर सिंह, सुखदेव प्रसाद आदि ने भी अपनी रचनाओं का पाठ किया। मैथिली साहित्य के मर्मज्ञ हितनाथ झा ने मैथिली कविता का पाठ किया और अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सभी रचनाकारों को साधुवाद दिया और सभी के प्रस्तुति को सराहनीय बताया। हितनाथ झा ने कहा कि कविता को सार्थक सारगर्भित और अनुशासित होना चाहिए। कविता की व्याख्या करते हुए कहा कि कविता,कवि के व्यक्तित्व और कृतित्व का सार होता है। सफल मंच संचालिका कवियत्री सह प्राध्यापिका डाक्टर प्रमिला गुप्ता रहीं और धन्यवाद ज्ञापन शंकर गुप्ता ने किया। अंत में जुलु पार्क, हजारीबाग झारखंड निवासी शहीद कैप्टन करमजीत सिंह, पुलवामा के वीर शहीद सपूतों और हजारीबाग व्यवहार न्यायालय के अवकाश प्राप्त कर्मी भोला प्रसाद के निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दिया गया।
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