एसपी मनोज रतन चौथे ने बड़ी टीम का गठन कर 75 एकड़ भू-भाग में लगे अफीम को नष्ट कर दिया है। लेकिन यह एक छोटा सा अंश माना जा रहा है। लोगों का कहना है कि यह तो मात्र 20 फीसदी ही नष्ट हुआ है। अभी लगभग 500 एकड़ भू-भाग में अफीम की खेती लहलहा रही है।
एसपी मनोज रतन चौथे ने बड़ी टीम का गठन कर 75 एकड़ भू-भाग में लगे अफीम को नष्ट कर दिया है। लेकिन यह एक छोटा सा अंश माना जा रहा है। लोगों का कहना है कि यह तो मात्र 20 फीसदी ही नष्ट हुआ है। अभी लगभग 500 एकड़ भू-भाग में अफीम की खेती लहलहा रही है।
अफीम कारोबारियों के लिए कौलेश्वरी और मगध जोन अब इनका सेफ जोन बन गया है।
झारखंड के सीमांत हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड बड़ी तेजी से अफीम के बड़े बाजार में तब्दील हो रहा है। बीते पांच वर्षाें से अफीम की खेती प्रखंड के भूभाग पर की जा रही है। अनुमान के मुताबिक 20 से 40 करोड का अवैध व्यवसाय नशे की खेप की वजह से होता है। परंतु इस वर्ष अफीम की खेती सर्वाधिक की गई है। लगभग पांच सौ एकड़ से अधिक वन भूमि का इस्तेमाल इसकी खेती के लिए की गई है।
वन क्षेत्रों में नदी, नाले से सटे जंगल को साफ कर समतल भूमि बनाकर, यहां तक कि पहाड़ों पर भी इसकी खेती की जा रही है। हालांकि हजारीबाग एसपी मनोज रतन चौथे ने इसे ध्वस्त करने को लेकर बड़ी टीम का गठन कर 75 एकड़ भू-भाग में लगे अफीम को नष्ट कर दिया है। लेकिन यह एक छोटा सा अंश माना जा रहा है। लोगों का कहना है कि यह तो मात्र 20 फीसदी ही नष्ट हुआ है। अभी लगभग 500 एकड़ भू-भाग में अफीम की खेती लहलहा रही है। अफीम कारोबारियों के लिए कौलेश्वरी और मगध जोन अब इनका सेफ जोन बन गया है।
इन इलाकों में पुलिस अथवा वन विभाग की सक्रियता सुरक्षा के मद्देनजर नहीं रहती लिहाजा इसका व्यापक इस्तेमाल नशे के कारोबार को स्थापित करने में हो रहा है। प्रखंड के चोरदाहा, दैहर, दादपुर, झापा, यवनपुर, चौपारण, ताजपुर, करमा, भगहर आदि पंचायतों के 50 से अधिक जंगली स्थलों पर इसकी खेती की गई हैं। जिसमें सीमा से सटे चतरा जिले के गिद्धौर और पथलगड्ढा के कारोबारी भी सक्रिय हैं।
गौतम बुद्धा वन्य प्राणी आश्रयणी के भूभाग का हो रहा इस्तेमाल
गौतम बुद्धा वन्य प्राणी आश्रयणी के बड़े भूभाग का इस्तेमाल पोस्ते अफीम की खेती के लिए हो रही है। आश्रयणी क्षेत्र के लगभग चार सौ एकड़ से अधिक भूमि पर अफीम की खेती की गई हैं। वहीं प्रादेशिक वन भूमि प्रक्षेत्र के लगभग 100 एकड़ भूमि का इस्तेमाल अफीम तस्कर कर रहे हैं।
इन इलाकों में हो रही खेती:
सघन जंगल से घिरे दुरागढा, मोरनियां, सिकदा, करगा, अंजान, ढोढिया, पत्थलगड्डा, जमुनिया तरी,अहरी, नावाडीह, भदेल, बिगहा, चमरगड्डा, डोमाडाडी, बहेरवातरी, खैराटांड, मैसोखार, जागोडीह,करमा, असनाचुंआ आदि जंगल में बसे गांवों के बाहरी क्षेत्र में।
ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया जाएगा : डीएफओ : गौतमबुद्ध वन्य प्राणी आश्रयणी के डीएफओ अवनिश चौधरी ने कहा कि उपायुक्त के नेतृत्व में ज्वाइंट आपरेशन किया जायेगा। जल्द कार्रवाई होगी। एसपी मनोज रतन चौथे ने कहा कि अफीम की खेती कांटेक्ट फार्मिंग फार्मूले से किया जा रहा है। हमने टीम गठित कर एक चरण में 75 एकड़ से अधिक भूभाग में लगे फसल को नष्ट किया है। जो अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है। लेकिन हम यहां रुकने वाले नहीं हैं।

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