हजारीबाग में अनोखी दोस्ती की अनोखी मिसाल देखने को मिली : दोस्तों ने मिल कर किया हजारीबाग के प्रतिष्ठित डॉक्टर हीरालाल साहा के छोटे बेटे डॉ कुणाल साहा का अंतिम संस्कार।

हजारीबाग में अनोखी दोस्ती की अनोखी मिसाल देखने को मिली : दोस्तों ने मिल कर किया हजारीबाग के प्रतिष्ठित डॉक्टर हीरालाल साहा के छोटे बेटे डॉ कुणाल साहा का अंतिम संस्कार। 



हजारीबाग में अनोखी दोस्ती की अनोखी मिसाल देखने को मिली। जहां हजारीबाग के प्रतिष्ठित डॉक्टर हीरालाल साहा के छोटे बेटे डॉ कुणाल साहा के मौत के बाद स्थिति कुछ ऐसी बनी की दोस्तों ने ही मिलकर डॉ शाहा का अंतिम संस्कार किया।

हजारीबाग के बड़कागांव रोड इमली कोठी में हजारीबाग का विख्यात कुणाल नर्सिंग होम है। जिसका संचालन हजारीबाग के प्रतिष्ठित डॉक्टर हीरालाल शाहा करते हैं। उनके छोटे बेटे डॉ कुणाल साहा की मौत आज बीमारी के कारण हो गई। ऐसे पूरा परिवार देर शाम अंतिम संस्कार करने के लिए खिरगांव स्थित श्मशान घाट पहुंचा। परिस्थिति कुछ ऐसी बनी की परिवार वालों ने मुखाग्नि नहीं दी। किसी बात को लेकर परिवार वालों के बिच कहासुनी हो गई। परिवार के कुछ सदस्य श्मशान घाट से ही लौट गए।

ऐसे में जब इसकी जानकारी मृतक डॉक्टर कुणाल साहा के दोस्तों को हुआ तो सभी दोस्त श्मशान पहुंचे और मिलकर अंतिम संस्कार किया। अंतिम संस्कार करने वालों में सभी धर्म के लोग शामिल थे। कहा जाए तो हजारीबाग में यह ऐतिहासिक मिसाल दोस्तों ने कायम किया है। दिवंगत हुए मित्र डॉ कुणाल शाहा को दोस्तों ने मिलकर मुखाग्नि दिया और अंतिम विदाई दी।

जिसमें डॉ प्रवीण नाथ,मनीष अग्रवाल, जयप्रकाश,शम्मी होरा,संजय जैन, सरदार इंद्रपाल,पत्रकार सलाउद्दीन,तरुण नायक शामिल हुए। आमतौर पर ऐसी स्थिति बहुत कम बनती है जब परिवार के लोग दिवंगत हुए सदस्य का अंतिम संस्कार नहीं करते हैं। दोस्त वो काम कर जाते हैं जो आने वाले कई सालों तक चर्चा का विषय भी बना रहता है। यही स्थिति हजारीबाग में बनी यह दोस्ती की प्रकाष्ठा है। दोस्तों ने श्राद्ध कर्म के लिए आर्य वैदिक विधि से संपन्न कराने का निर्णय लिया है।

टिप्पणियाँ