हजारीबाग में सांसद सह केन्द्रीय वित योजना समिति के सदस्य जयंत सिन्हा की महत्वाकांक्षी रिंग रोड परियोजना पांच सालों से लटकी है।

हजारीबाग में सांसद सह केन्द्रीय वित योजना समिति के सदस्य जयंत सिन्हा की महत्वाकांक्षी रिंग रोड परियोजना पांच सालों से लटकी है। 

सरकारी भूमि पर होने के बावजूद मुआवजे को लेकर मामला आगे नहीं बढ़ रहा है। दर्जनों किसान गैरमजरूआ जमीन की हुकुमनामा के आधार पर बंदोबस्ती करा बैठे हैं और मुआवजे को लेकर आंदोलनरत हो जाते है। 

हजारीबाग में सांसद सह केन्द्रीय वित योजना समिति के सदस्य जयंत सिन्हा की महत्वाकांक्षी रिंग रोड परियोजना पांच सालों से लटकी है। सरकारी भूमि पर होने के बावजूद मुआवजे को लेकर मामला आगे नहीं बढ़ रहा है। दर्जनों किसान गैरमजरूआ जमीन की हुकुमनामा के आधार पर बंदोबस्ती करा बैठे हैं और मुआवजे को लेकर आंदोलनरत हो जाते है। कटकमदाग अंचल प्रशासन बनने वाली सड़क की भूमि को सरकारी तो बता रहा है। लेकिन ठेकेदार को कब्ज़ा नही दिला पा रहे हैं। वह गैरमजरूआ सरकारी और जमीदारों की खास गैरमजरूआ प्रकृति दोनो के है। गैरमजरूआ सरकारी पर काम में अड़ंगा नहीं लेकिन गैर खास मजरुवा जमीन पर बन्दोबस्त और सेटलमेंट से लेकर रसीद कटने के कागज कटकमदाग अंचल के मुहर लगे हैं। इसमें कई रैयत कोर्ट में भी चले गए हैं। इससे रिंग रोड का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है।

काम नहीं बढ़ने से परेशान है ठेकेदार कंपनी

स्टेट हाईवे अथॉरिटी के अधिकृत बागबेरी कंपनी काम शुरू करने के बाद से अधिग्रहण को पूरा किए बिना काम न कर पाने की मजबूरी बताता रहा। लेकिन जनप्रतिनिधि से लेकर जिला प्रशासन ने उसकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। अब उसने चार किलोमीटर तक अधूरा काम करने के बाद अपना मिशनरी समान समेटना शुरू कर दिया है। बावजूद जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है। कंपनी के जेसीबी, रोलर, भारी मशीन, डंपर दूसरे क्षेत्र शिफ्ट कर दिया गया है। मैनेजर कहते हैं कि कंपनी को करोड़ों का नुकसान चुका है।

स्टेट हाईवे अथॉरिटी का कहना है कि जब तक प्रशासन जमीन अधिग्रहण कर अपने संरक्षण में काम को आगे नहीं बढाएगा, तब तक निर्माण कार्य मे देरी होती रहेगी। जिला प्रशासन भूमि अधिग्रहण कार्य मे तेजी लाकर मुआवजा वितरण करें या फिर कब्जा दिलाने का काम करें। तभी यह प्रोजेक्ट आगे बढ़ा सकता है।

यदि रिंग रोड परियोजना धरातल पर उतर जाती तो हजारीबाग से चतरा डाल्टनगंज रांची पटना जीटी रोड आने जाने वाले सैकड़ों वाहन चालको को इसका लाभ मिलता। कम समय में कम दुरी तय करनी पड़ती और कीमती डीजल पेट्रोल बचता। 14 किलोमीटर गुजरने वाली रिंग रोड में चार फ्लाईओवर, एक अंडर ओवर पुल बनेंगे। इसमें रेलवे का एक अंडर ब्रिज भी बनना है। इसके बन जाने से शहर में भारी वाहनों के जाम होने से इस समस्या से मुक्ति मिलती। दर्जनों गांव का संपर्क शहर से बढ़ जाता।


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