इचाक क्षेत्र में धड़ल्ले से फल फूल रहा है शराब चुलाई का धंधा। अवैध कारोबार से क्षेत्र में माफिया तत्व लाखों की कमाई कर रहे हैं।

इचाक क्षेत्र में धड़ल्ले से फल फूल रहा है शराब चुलाई का धंधा। अवैध कारोबार से क्षेत्र में माफिया तत्व लाखों की कमाई कर रहे हैं। प्रत्येक दिन लगभग 10 हजार लीटर अवैध महुआ शराब का निर्माण माफिया तत्व करते हैं।

जानकार बताते हैं कि शराब कारोबार में थाना से लेकर अवकारी और वन कर्मियों की संलिप्तता हैं जिनके रहमो करम पर यह गोरखधंधा फलफूल रहा है। 

केमिकल और यूरिया खाद के मिश्रण से बने देसी शराब का सेवन करने वाले युवा कई तरह के बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। जिस कारण क्षेत्र में चोरी, छिनतई, लूट, बलात्कार और आपराधिक घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है।

शराब माफियाओं का बढ़ा हुआ आतंक, पहले पीटा और फिर पेशाब पीने पर किया मजबूर। जान बचाने के नियत से भुक्तभोगी को आरोपितयों का पेशाब को पीना पड़ा।

 

इचाक क्षेत्र में महुआ शराब की अवैध चुलाई एवं बिक्री का गोरख धंधा निरंतर फल फूल रहा है। अवैध कारोबार से जहां माफिया तत्व लाखों की कमाई कर रहे हैं। वही केमिकल और यूरिया खाद के मिश्रण से बने देसी शराब का सेवन करने वाले युवा कई तरह के बीमारियों से ग्रस्त हो रहे हैं। कारोबारियों द्वारा रमणी, सिझुआ, दांगी, लोटवा, डुमरौन, तीलरा, नावाडीह, बोंगा, मूर्तियां, मंडपा, काला द्वार,आरा, फूफंदी, बढ़नियां, नेशनल पार्क, सयाल कला और खुर्द, गौरा, कारीमाटी क्षेत्र के जंगल स्थित नदी के किनारे सैकड़ों अवैध शराब भट्ठियां संचालित है। जहां से प्रत्येक दिन लगभग 10 हजार लीटर अवैध महुआ शराब का निर्माण माफिया तत्व करते हैं। माफिया द्वारा शराब की सप्लाई गांव के चौक चौराहों पर गुमटी और झोपड़ीनुमा दुकान के संचालकों को करते हैं। जहां प्रत्येक दिन पीने वालों की भीड़ जमती है। सूत्र बताते हैं कि शराब की चुलाई से न सिर्फ लोगों को हानि पहुंचा रहे हैं बल्कि वन क्षेत्र को भी नष्ट कर रहे हैं। जानकार बताते हैं कि शराब कारोबार में थाना से लेकर अवकारी और वन कर्मियों की संलिप्तता हैं जिनके रहमो करम पर यह गोरखधंधा फलफूल रहा है। बता दें कि शराब माफिया दर्जनों प्लास्टिक ड्रम को जमीन में गाड़ कर उसमें जावा महुआ डालते हैं फिर उसे निकालकर शराब चुलाई करते हैं। यह काम माफिया तत्वों द्वारा प्रात: चार बजे से दस बजे दिन तक करते हैं। इसके बाद माफिया शराब की खेप को खुदरा विक्रेताओं को ट्यूब में भरकर बोरे में रखते हुए आराम से पुलिस के नाकों के नीचे गुजरते हैं। जिसकी भनक पुलिस को नहीं रहती है। जिस कारण क्षेत्र में चोरी, छिनतई, लूट, बलात्कार और आपराधिक घटनाओं में लगातार वृद्धि हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि शराब कारोबारियों को पंचायत प्रतिनिधियों का भी संरक्षण प्राप्त है। यही वजह है कि वह किसी से डरते नहीं है विरोध करने वालों की पिटाई करने में भी माफिया बाज नहीं आते हैं।



शराब माफियाओं का बढ़ा हुआ आतंक, पहले पीटा और फिर पेशाब पीने पर किया मजबूर। 

इचाक के अंलौजाकला गांव में शराब माफिया द्वारा शराब बनाने के बाद निकलने वाले कचरे को बार-बार खेत में फेंके जाने से मना करने पर बौखलाए शराब कारोबारियों ने फुलेश्वर प्रसाद मेहता उर्फ छोटेलाल की जमकर पिटाई कर दी। पिटाई का आरोप गांव के दो भाई संजय संजय प्रसाद मेहता और अजय प्रसाद मेहता पर है। माफियाओं की पिटाई के बाद छोटेलाल बदहवास हो गए तो आरोपियों ने छोटेलाल को बाइक पर लादकर छबेलवा जंगल ले गए। होश में आने पर छोटेलाल ने दोनों से पानी मांगा तो पानी की जगह उसे पेशाब पीने को दे दिया। वह बार-बार छोड़ देने की मिन्नतें करता रहा और माफिया तत्व पेशाब पीने के लिए मजबूर करते रहे। जान बचाने के नियत से छोटेलाल को आरोपितयों का पेशाब को पीना पड़ा। पिटाई करने करने के बाद आरोपी छोटेलाल को गांव ले आए और ग्रामीण चिकित्सक से उसका इलाज भी कराया। इलाज कराने के बाद आरोपी तड़पते हालत में उसे घर पर छोड़ कर चले गए। पिता की हालत देखकर घर में बच्चे रोने लगे। इसी बीच फुलेश्वर की पुत्री शिवानी ने घटना की जानकारी मुखिया सिकंदर प्रसाद मेहता को दी। मुखिया ने छोटेलाल को तड़पते हालत में देख एचएमसीएच ले गए और भर्ती कराया। पुलिस ने पीड़ित से बयान लिया है, जिसमें छोटेलाल ने बताया है कि शराब माफिया मेरे जमीन में जावा महुआ बार-बार फेंक रहे थे।शराब का कचरा फेंकने से मना करने पर गांव के ही संजय संजय प्रसाद मेहता और अजय प्रसाद मेहता ने मिलकर बेरहमी से पीटा और पेशाब पीने पर मजबूर किया।

                 एचएमसीएच में भर्ती भुक्तभोगी छोटेलाल


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