प्रखंड के बोगा में साढ़े आठ करोड़ की लागत से बना आईटीआई भवन 9 वर्षों से उद्घाटन का राह देख रहा है।

प्रखंड के बोगा में साढ़े आठ करोड़ की लागत से बना आईटीआई भवन 9 वर्षों से उद्घाटन का राह देख रहा है।

ग्रामीणों ने ढाई एकड़ बेशकीमती जमीन को आईटीआई कॉलेज के लिए दान दिया। 



इसको लेकर उपायुक्त का कहना है कि एप्रोच रोड नहीं होने से ITI सेंटर का उद्घाटन नहीं हो पा रहा है।


पीडब्लयूडी अभियंता का इसके बारे में कहना है कि हमने बनाकर दे दिया लेकिन इसके बाद क्या हुआ इसकी हमें जानकारी नहीं है।


झारखण्ड सरकार व जिला के अधिकारियों की लापरवाही के कारण ना ही भवन का उद्घाटन किया गया ना ही आईटीआई की कक्षा शुरू की गई। जिस कारण ग्रामीण, सरकार व जिला के पदाधिकारियों को कोसने लगे हैं।


आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना जिला में सार्थक नहीं हो पा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों में शुमार स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत युवाओं में प्रशिक्षण की तरफ से तकनीकी ज्ञान बढ़े। लेकिन हजारीबाग के इचाक प्रखंड के बोंगा गांव में जहां सड़क सुविधा नहीं होने के कारण करीब 9 करोड़ की बिल्डिंग अब धूल फांक रहा है। आलम यह है कि राज्यपाल की तरफ से शिलान्यास पट भी झाड़ियों से घिर गया है।

प्रशिक्षण संस्थान का भवन एनएच 33 से चार किलोमीटर तथा हजारीबाग मुख्यालय से महज 14 किलोमीटर की दूरी पर बना है। खेतों और जंगल झाड़ के बीच वीराने में बनाया गया है। जबकि इस आईटीआई कॉलेज को जाने के लिए रोड ही नहीं है। 

मार्च 2013 में राज्यपाल सैय्यद अहमद, विशिष्ट अतिथि राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री सह निवर्तमान कोडरमा सांसद बाबूलाल मरांडी द्वारा भवन निर्माण की आधारशिला ढाई एकड़ भूमि में रखी गई थी। करीब डेढ़ वर्ष में भवन 2015 में बनकर तैयार हो गया। भवन निर्माण का कार्य पूरा हुए नौ वर्ष बीत चुका है लेकिन जिला प्रशासन की लापरवाही से भवन का उद्घाटन नहीं हो सका है। आधारशिला रखे जाने के समय बाबूलाल मरांडी ने कहा कहा था कि इचाक में आईटीआई खुलने से यहा के युवक-युवती प्रशिक्षण प्राप्त करने से बेरोजगारी दूर होगा साथ ही पलायन भी रुकेगा। संस्थान में फीटर, इलेक्ट्रिशियन, वेल्डर, टर्नर मोल्डर एवं अन्य ट्रेडो में तीन सौ विद्यार्थियों का नामांकन होना है। इसमें इचाक के अलावा जिले के विभिन्न प्रखंडों के गरीब किसान के बच्चों को प्रशिक्षण मिल सकेगा। परंतु विद्यार्थियों का नामांकन तो दूर आईटीआई तक चालू नहीं हुआ। जिसके कारण क्षेत्र के पढ़े-लिखे युवक -यवतियों को प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए जिले और उससे बाहर प्राइवेट कॉलेजों में नामांकन करवाना पड़ता है आईटीआई
 कॉलेज चालू नहीं होने के चलते इसके चारों ओर झाड़ी झाड़ा नज़र आता है। जबकि संसाधनों में भी जंग एवं घुन लगने लगा है। फिलहाल इस आईटीआई में विनायक फंडामेंटल द्वारा युवक-यवतियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण पिछले सालों से दिया जा रहा है। अभी यहां भवन पूरी तरह से विनायक फंडामेंटल संस्था को सौंप दिया गया है जहां पर कई तरह की अनियमितताएं व्याप्त है।


ऐसे मामलों को लेकर समाजसेवी मनोज गुप्ता ने मुख्यमंत्री जनसंवाद में 38199-2016 शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 25.09.2018 को सीधी बात में झारखंड के सभी ऐसे भवनों को चिन्हित कर अभियंता, ठेकेदार पर कार्रवाई करने का आदेश भी दिया था। उपायुक्त ने भी सभी विभागों को कार्रवाई का आदेश दिया था परन्तु हुआ कुछ नहीं और इस तरह के दर्जनों मामले ठंडे बस्ते में चले गए।

इस बाबत हजारीबाग के उपायुक्त का कहना है कि एप्रोच रोड नहीं होने के कारण सेंटर का उद्घाटन नहीं हो पाया है। हम लोग आसपास के लोग जिनका जमीन सड़क में जाएगा उनसे संपर्क किए हुए हैं। बहुत जल्द ही एप्रोच रोड बन जाएगा और इसके बाद इस सेंटर का उपयोग हो पाएगा। यह विद्यालय हम लोगों के संज्ञान में आया है।

टिप्पणियाँ