25 पंचायतों और करीब पौने दो लाख आबादी वालाएक1 एकमात्र इचाक सीएचसी रात्रि में चिकित्सक विहीन हो जाता है।
50 बेड वाला आधुनिक सुविधा से लैस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों खुद चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों एवं मशीनरी संसाधनों की कमी का दंश झेल रहा है। यही कारण है कि रात्रि में ओपीडी सेवा के साथ-साथ डॉक्टर और प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मी का अभाव है।
25 पंचायतों और करीब पौने दो लाख आबादी वाला एकमात्र इचाक सीएचसी रात्रि में चिकित्सक विहीन हो जाता है। जिसके कारण दुर्घटनाओं में घायल और बीमार लोग हजारीबाग की ओर रुख करने पर विवश हो जाते हैं। सीएफसी में सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध होने के बाबजूद मरीजों को उसका लाभ चिकित्सक की रात्रि में ड्यूटी से गायब रहने के कारण नहीं मिल पाता है। सीएससी के अंतर्गत इचाक के 19 तथा दारू एवं टाटीझरिया प्रखंड के तीन-तीन पंचायत आता है। रात्रि में मरीजों का इलाज नर्स एवं कंपाउंडर के भरोसे चलता है। यही कारण है कि रात्रि में अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों में से अधिकांश को प्राइवेट नर्सिंग होम जाना पड़ता है। ठंड के मौसम में फैमिली प्लानिंग कराने वाली महिलाएं अधिक पहुंचती हैं जिसके कारण बेड के अभाव में कुछ मरीजों को फर्श पर लिटाया जाता। अस्पताल प्रबंधन की मानें तो कंबल एवं बेड की कमी का दंश मरीजों को झेलना पड़ता है। अधिकांश मरीज घरों से कंबल, चादर लेकर अस्पताल पहुंचते हैं। एंबुलेंस की सुविधा भी आबादी के अनुपात में कम पड़ता है जिसके कारण मरीजों को प्राइवेट वाहनों से अस्पताल लाना पड़ता है मरीजों के साथ रहने वाले अटेंडेंट को फर्श पर सोकर रात गुजारनी पड़ती है। 50 बेड वाला इस अस्पताल का देख रेख समुचित ढंग से होता है जिसके कारण परिसर रौनक में इजाफा हुआ है।
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