ईशान किशन का दोहरा शतक और टूट गए 10 बड़े रिकॉर्ड, देखें पूरी डिटेल यहां!

 

ईशान किशन का दोहरा शतक और टूट गए 10 बड़े रिकॉर्ड, देखें पूरी डिटेल यहां!

ईशान किशन ने 12 साल की उम्र में क्रिकेट के लिए अपना शहर छोड़ दिया था। अब वह भारत के लिए वनडे क्रिकेट में दोहरा शतक लगाने वाले चौथे बल्लेबाज बने हैं। 


भारत और बांग्लादेश के बीच वनडे सीरीज के तीसरे मैच में कप्तान रोहित शर्मा नहीं खेले। दूसरे मैच में लगी चोट की वजह से वह पूरे दौरे से बाहर हो गए हैं। इसके बाद सलामी जोड़ी भारत के लिए चिंता का विषय थी, क्योंकि धवन भी फॉर्म में नहीं थे। इस मैच में भी वह छोटे स्कोर पर आउट हो गए। हालांकि, रोहित की जगह टीम में शामिल किए गए ईशान किशन अलग इरादों के साथ क्रीज पर आए थे। उन्होंने पहले एक छोर संभालकर बल्लेबाजी की फिर बांग्लादेश के गेंदबाजों पर कहर बनकर टूट पड़े। 


किशन ने इस मैच में 131 गेंदों में 210 रन की पारी खेली। उनके बल्ले से 24 चौके और 10 छक्के निकले। किशन ने 160.31 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की। वह भारत के लिए वनडे में दोहरा शतक लगाने वाले चौथे बल्लेबाज हैं। सबसे पहले यह कारनामा सचिन ने किया था। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 200 रन बनाए थे। इसके बाद सहवाग ने वेस्टइंडीज के खिलाफ दोहरा शतक लगाया। रोहित ने तीन बार यह कारनामा किया और अब किशन यह कीर्तिमान हासिल करने वाले चौथे भारतीय बन गए हैं।


ईशान किशन ने अपने 10वें वनडे मैच में ही यह शानदार पारी खेली है। उन्होंने सबसे कम गेंदों में दोहरा शतक लगाने का रिकॉर्ड भी बनाया है। हालांकि, उनके लिए यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है। यहां हम किशन के संघर्ष की कहानी बता रहे हैं। 

18 जुलाई 1998 को बिहार की राजधानी पटना में जन्में ईशान के कोच उत्तम मजूमदार के अनुसार वे पहली बार 2005 में उनसे मिले थे। तब ईशान के साथ उनके बड़े भाई राजकिशन भी मौजूद थे।


उत्तम मजूमदार ने ईशान के पिता प्रणव कुमार पांडेय को कहा था कि हमेशा अपने लड़कों को खेल के लिए प्रोत्साहित कीजिएगा। वे ईशान के बड़े भाई का चयन करने के लिए गए थे। उसी समय उन्होंने ईशान की बल्लेबाजी देखी थी। तब वे इस बाएं हाथ के बल्लेबाज से काफी खुश हुए थे। उत्तम मजूमदार ने कहा था कि ईशान में स्पार्क था। उसके मैदान पर चलने और सोचने की क्षमता से मैं काफी प्रभावित हुआ था। राजकिशन को छोड़कर उन्होंने किशन को चुनने का फैसला किया था।

ईशान जब 12 साल के थे तब उनके परिवार ने पटना को छोड़कर रांची में बसने का फैसला किया था। उनके पिता के मुताबिक ईशान के कोच ने शहर छोड़ने की सलाह दी थी ताकि वे उच्च स्तर पर खेलने के लिए तैयार हो सके। मां इसके लिए तैयार नहीं थी, लेकिन ईशान की जिद के आगे परिवार ने अंत में रांची जाने का फैसला कर लिया।
ईशान का चयन रांची में जिला स्तर पर खेलने के लिए सेल (स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड) की टीम में हुआ था। उन्हें रहने के लिए एक कमरे का क्वार्टर दिया गया था। किशन के साथ इसमें चार सीनियर खिलाड़ी और रहते थे। ईशान को उस समय खाना बनाना नहीं आता था। वे सिर्फ बर्तन साफ करने का काम करते थे। एक पड़ोसी ने उनके पिता को कहा था कि किशन कभी-कभी खाली पेट ही सो जाता है। दो साल तक किशन के साथ ऐसा ही चलता रहा। बाद में परिवार ने रांची में एक फ्लैट किराए पर ले लिया। उनके साथ मां सुचित्रा रहने लगीं।


किशन का चयन जब झारखंड रणजी टीम के लिए हुआ था तब वे 15 साल के थे। इसके बाद अंडर-19 वर्ल्ड कप 2016 में वे टीम इंडिया के कप्तान थे। उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम की ओर से अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में पहला टी20 मैच खेला था। हालांकि, अब तक किशान वनडे क्रिकेट में नौ मैचों में कुछ खास नहीं कर पाए थे, लेकिन अपने 10वें मैच में उन्होंने इतिहास रच दिया है और अब चयनकर्तओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है। अगर किशन अपनी लय बरकरार रखते हैं तो 2023 विश्व कप में भी भारत के लिए पारी की शुरुआत कर सकते हैं।



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