नगर विकास एवं आवास विभाग के अवर सचिव श्री राजकुमार ने हजारीबाग नगर निगम की नगर आयुक्त से विभिन्न बिन्दुओं पे मांगा जवाब। भाजपा नेता अनुपम सिन्हा ने नगर निगम क्षेत्र में विगत चार वर्षों के दौरान विभिन्न विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए एसीबी से जांच की मांग की थी।
नगर विकास एवं आवास विभाग के अवर सचिव श्री राजकुमार ने हजारीबाग नगर निगम की नगर आयुक्त से विभिन्न बिन्दुओं पे मांगा जवाब।
हजारीबाग नगर निगम में एक ओर निकाय चुनाव की तैयारी चल रही है। वहीं दूसरी ओर विगत चार वर्षों में विभिन्न मशीनों की खरीदारी में भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी के आरोप पर राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। सरकार के अवर सचिव राजकुमार ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर लगाए गए आरोप का बिंदुबार जांच कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। पत्र 16/09/22 को लिखा गया है। आवेदक को प्रतिलिपि मिलने के बाद इसकी जानकारी हुई। भाजपा नेता अनुपम सिन्हा ने नगर निगम क्षेत्र में विगत चार वर्षों के दौरान विभिन्न विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में अनियमितता बरतने का आरोप लगाते हुए एसीबी से जांच की मांग की थी। उन्होंने इसके लिए कई उदाहरण भी प्रस्तुत किए थे। उन्होंने पूर्ण किए गए शौचालय, विद्युत शवदाह गृह की नियमित रखरखाव नहीं होने और निविदा निष्पादन में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया था। उन्होंने अपने पत्र में पदाधिकारियों और कर्मियों की लापरवाही से सरकार के करोड़ों रुपए बर्बाद हो गए हैं। करोड़ों की राशि खर्च किए जाने के बावजूद इसका लाभ आम लोगों को नहीं मिल पा रहा है।
क्या लिखा है शिकायत पत्र में।
भाजपा नेता ने नगर विकास विभाग को भेजे गए शिकायत में कहा था कि लाखों रुपए की लागत से बॉब कट मशीन खरीदी गई थी जो चार वर्षों से जंग खा रही है। जबकि ओवरवायरिंग और टायर बदलकर इससे काम लिया जा सकता है। मगर यह नगर निगम की लापरवाही से सड़ रही है। जब इस मशीन की खरीदारी की गई थी, उस समय चिरकुंडा, धनबाद, रांची, गिरिडीह में यह मशीन खरीदी गयी थी जो वहां काम कर रही है। लेकिन हजारीबाग में बैठ गयी है। ब्राम्बे हाउस, संत कोलंबस कॉलेज के पास विवाह भवन, निर्मल महतो पार्क, नूरा चौक सहित आठ स्थानों पर करोड़ों रुपए सामुदायिक शौचालय बना दिए गए हैं। लेकिन कोई भी चालू नहीं है। यह असामाजिक तत्वों का डेरा बना हुआ है। इसी तरह छह मॉडलर टॉयलेट भी चालू नहीं होने से डेड एसेट में बदल गया है। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा था कि तालाब, पार्क निर्माण, चौक चौराहे के सौंदर्यीकरण, एलईडी और हाई मास्क लगाने सहित सड़क एवं नाली निर्माण में काम दिलवाने के नाम पर पांच प्रतिशत, एग्रीमेंट के नाम पर छह प्रतिशत और ऑफिस के नाम पर पांच प्रतिशत राशि लेकर भुगतान किया जाता है।

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