जिले में लंबित कांडों को सुलझाने में कई पुलिस अफसर लापरवाह है। लापरवाह अफसरों के देर से विवेचना किए जाने के कारण सभी थाना प्रभारी परेशान हैं।
जिले में लंबित कांडों को सुलझाने में कई पुलिस अफसर लापरवाह है। लापरवाह अफसरों के देर से विवेचना किए जाने के कारण सभी थाना प्रभारी परेशान हैं।
जूनियर पुलिस पदाधिकारियों की इस लापरवाही से थाना प्रभारी को एसडीपीओ और एसपी से डांट खानी पड़ रही है।
सदर, लोहसिंघना और कोर्रा थाना को लंबित मामलों के निष्पाद विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है।
हालांकि सभी थाना प्रभारी अपने से स्तर से प्रतिदिन लंबित मामलों की समीक्षा कर रहे हैं। इसके बावजूद लंबित कांडो के अनुसंधान में तेजी नहीं आ पा रही है।
विभिन्न थानों में सैकड़ों ऐसे लंबित केस दर्ज है जिन पर कार्रवाई नहीं हुई है। इससे लोगों का भरोसा कम हो जाता है। पीड़ित अफसरों के यहां चक्कर काट कर परेशान रहते हैं। पुलिस मुख्यालय के पहल पर ऐसे मामले को निपटाने की शुरुआत की गई है।
जिले में लंबित कांडों को सुलझाने में कई पुलिस अफसर लापरवाह है। इन लापरवाह अफसरों के देर से विवेचना किए जाने के कारण सभी थाना प्रभारी परेशान हैं। जूनियर पुलिस पदाधिकारियों की इस लापरवाही से थाना प्रभारी को एसडीपीओ और एसपी से डांट खानी पड़ रही है। हालांकि सभी थाना प्रभारी अपने से स्तर से प्रतिदिन लंबित मामलों की समीक्षा कर रहे हैं। इसके बावजूद लंबित कांडो के अनुसंधान में तेजी नहीं आ पा रही है। एसपी मनोज रतन चौथे ने हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म, साइबर अपराध, ठगी जैसे गंभीर मामले में तेजी से निपटाने का निर्देश दिया है। ऐसी अपने स्तर पर हर 15 दिनों पर इसकी समीक्षा कर रहे हैं। पिछले दिनों एसपी कार्यालय में एक समीक्षात्मक बैठक हुई थी जिसमें अक्तूबर की तुलना में नवंबर में निष्पादित किए गए कांडो की संख्या कम पाई गई थी। इस पर एसपी ने संज्ञान लेते सभी थाना प्रभारी को टास्क दिया था। कहा था कि लंबित मामले ने विवेचना निर्धारित समय अवधि के अंदर पूरा करे। इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेवारी संबंधित क्षेत्र के एसडीपीओ को सौंपी गई थी। इसके बाद एसडीपीओ ने सभी थाना प्रभारी के साथ बैठक कर लंबित मामलों में विवेचनाओं की सूची तैयार कर प्राथमिकता के आधार पर निपटारा करने का निर्देश दिया है। शहर सदर, लोहसिंघना और कोर्रा थाना को लंबित मामलों के निष्पाद विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। एसडीपीओ की निगरा जल्द जांच कर लंबित विवेचना को पूरा करने का निर्देश दिया गया है। बताया जाता है कि विभिन्न थानों में सैकड़ों ऐसे लंबित केस दर्ज है जिन पर कार्रवाई नहीं हुई है। इससे लोगों का भरोसा कम हो जाता है। पीड़ित अफसरों के यहां चक्कर काट कर परेशान रहते हैं। पुलिस मुख्यालय के पहल पर ऐसे मामले को निपटाने की शुरुआत की गई है।
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