अस्पताल में नवजात की मौत की जांच मामले में दो सदस्यीय कमेटी गठित। जांच के लिए एसडीओ विद्याभूषण की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपेगी।
अस्पताल में नवजात की मौत की जांच मामले में दो सदस्यीय कमेटी गठित।
जांच के लिए एसडीओ विद्याभूषण की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपेगी।
डॉक्टरों ने इसे चिकित्साशास्त्र की भाषा में प्रिसिपिटेड पेन (समय पूर्व प्रसव पीड़ा) बताया है। साथ ही पेट में ही बच्ची की मौत की बात कही है।
परिजनों ने कहा कि बच्ची की मौत मेडिकल सुविधा नहीं मिलने और चिकित्सकों की लापरवाही से हुई है।
हजारीबाग में बुधवार को अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह के निरीक्षण के दौरान एचएमसीएच परिसर में नवजात की मौत के मामले में डीसी नैंसी सहाय ने जांच कमेटी गठित कर दी है। उन्होंने बताया कि इस मामले जिला प्रशासन ने जांच के लिए एसडीओ विद्याभूषण की अध्यक्षता में दो सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी एक सप्ताह में रिपोर्ट सौंपेगी।
उन्होंने बताया कि नवजात बच्ची की मौत मामले में फिलहाल दो तरह की बातें सामने आ रही हैं। डॉक्टरों ने इसे चिकित्साशास्त्र की भाषा में प्रिसिपिटेड पेन (समय पूर्व प्रसव पीड़ा) बताया है। साथ ही पेट में ही बच्ची की मौत की बात कही है। वहीं, परिजन कुछ और कह रहे हैं। इसलिए इस मामले की जांच करने के लिए दो सदस्यीय कमेटी बनाई गई है।
गौरतलब है कि बुधवार को कूद के रहने वाले नौशाद आलम की पत्नी नुसरत परवीन का हॉस्पिटल परिसर में ही प्रसव हो गया था। यहां दाई ने नाल काटा था। इसके बाद नवजात की मौत हो गयी थी। परिजनों ने कहा कि बच्ची की मौत मेडिकल सुविधा नहीं मिलने और चिकित्सकों की लापरवाही से हुई है। इधर, इस मामले को लेकर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी, भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सह चंदनकियारी के विधायक अमर बाउरी और हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल ने कड़ी भर्त्सना की है।
नवजात की मौत से सदमे में है नौशाद का परिवार।
नवजात की मौत हो जाने से नौशाद के परिवार सदमे में है। नौशाद का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन अगर लापारवाही नहीं करती तो शायद नवजात की जान नहीं जाती। बताया जाता है कि नौशाद की पत्नी नुसरत परवीन दो नवंबर को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में ही नवजात को जन्म हो गया। जिसके बाद उसकी मौत हो गई । नौशाद आलम की यह दूसरी बेटी थी। इससे पहले नुसरत परवीन की एक लड़की पहली है। नौशाद आलम गाड़ी चलाकर अपने परिवार का जीविकोपार्जन चलाता है। नवजात की मौत से वह काफी दुखी है।
क्या है पूरा मामला।
झारखंड हेल्थ सेक्रेटरी के स्वागत में बिजी थे अधिकारी, गर्भवती को नहीं मिला बेड। जमीन पर गिरने से नवजात की मौत।
झारखंड के स्वास्थ्य सचिव अरुण कुमार सिंह के आने से लेकर जाने तक हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के महकमे में हड़कंप मचा रहा। प्रसूति वार्ड में गर्भवती महिलाओं को एंट्री देने में भी काफी मशक्कत उठानी पड़ रही थी। इस दौरान कूद गांव निवासी नौशाद आलम की पत्नी नुसरत परवीन प्रसव के दर्द से कराह रही थी। जबकि अधिकारी कर्मचारी स्वास्थ्य सचिव के स्वागत में लगे हुए थे। उन्होंने दवा देकर उसके दर्द को शांत कराने की कोशिश की।
ऐसे में महिला का प्रसव अस्पताल के बाहर खड़े में ही हो गया और जमीन पर गिरने से नवजात की मौत हो गई। लेकिन अब अस्पताल के अधिकारियों ने दावा किया कि महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया था। नुसरत जिन्हें डिलिवरी के लिए समय पर अस्पताल में प्रवेश नहीं मिला, अब उन्हें प्रसव के बाद की देखभाल के लिए अस्पताल भर्ती कराया गया है। महिला के पति नौशाद आलम का कहना है कि उनका बच्चा बच सकता था अगर अस्पताल के महिला वार्ड के अधिकारी उसे समय पर भर्ती करने की गुहार को अनसुना ना करते।
लेबर रूम के सूत्रों के अनुसार, सचिव के निरीक्षण के मद्देनजर महिला की डिलीवरी टाल दी गई थी। मामले के तूल पकड़ने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने अभी तक घटना की कोई जांच नहीं की है, लेकिन किसी तरह की चूक होने के आरोपों से इनकार किया है। अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनोद कुमार ने कहा, 'कोई जांच नहीं की गई है। मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं मिली है।' वहीं जिला कलेक्टर नैन्सी सहाय ने घटना पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

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