शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में दो हफ्ते के भीतर दूसरे नवजात बच्चे की मौत हो गयी। दोनों ही नवजातों की मौत का तरीका बिल्कुल एक जैसा है।

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में दो हफ्ते के भीतर दूसरे नवजात बच्चे की मौत हो गयी। दोनों ही नवजातों की मौत का तरीका बिल्कुल एक जैसा है। 


इस मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि समय से पहले प्रसव होने के कारण बच्चे की मौत हुई है। 

शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में दो हफ्ते के भीतर दूसरे नवजात बच्चे की मौत हो गयी। दोनों ही नवजातों की मौत का तरीका बिल्कुल एक जैसा है। घटना मंगलवार की है। अस्पताल में भर्ती गर्भवती को स्ट्रेचर या व्हील चेयर नहीं मिली, परिजन उसे पैदल ही अल्ट्रासाउंड जांच के लिए ले जा रहे थे। इसी दौरान प्रसव हो गया व जमीन पर गिरने से बच्चे की मौत हो गयी।  इस मामले में अस्पताल प्रशासन का कहना है कि समय से पहले प्रसव होने के कारण बच्चे की मौत हुई है।

प्रसूता अशा देवी (पति-आदित्य सिंह) चतरा के लावालौंग कोलकोले बेहराडीह की रहनेवाली है। उसकी बहन पूजा देवी ने बताया कि आशा का यह पहला गर्भ था। प्रसव पीड़ा शुरू होने के बाद वह असामान्य रूप से व्यवहार करने लगी थी। बेहतर इलाज के लिए उसे 14 नवंबर की रात 2:00 बजे हजारीबाग मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती कराया गया। 

15 नवंबर की सुबह 10:00 बजे महिला डॉक्टर ने आशा की अल्ट्रासाउंड कराने को कहा। स्ट्रेचर या व्हीलचेयर नहीं मिलने पर परिजन उसे अल्ट्रासाउंड के लिए पैदल ही बाहर ले जाने लगे। इसी दौरान रास्ते में आशा का प्रसव हो गया और नवजात की मौत हो गयी। परिजनों का कहना है कि बच्चा जमीन पर गिरा, जिससे उसकी मौत हो गयी। 

महिला को 14 नवंबर की रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था।  डॉक्टर के अनुसार उस समय गर्भस्थ शिशु के दिल की धड़कन को लेकर कुछ शंका हो रही थी। 15 नवंबर को महिला अल्ट्रासाउंड कराने जा रही थी, उसी दौरान वार्ड से बाहर उसका प्रसव हो गया। 


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