आस्था पर भारी है अतिक्रमण, चुरचू प्रखंड के चरही बस्ती के छठ घाट पर जाने के लिए रास्ता नहीं है। इस असुविधा के लिए ग्रामीणों ने रोष जाहिर किया है।

आस्था पर भारी है अतिक्रमण, चुरचू प्रखंड के चरही बस्ती के छठ घाट पर जाने के लिए रास्ता नहीं है। इस असुविधा के लिए ग्रामीणों ने रोष जाहिर किया है।



चरही में सिर्फ पूजा पाठ करने में ही नही बल्कि लोगो के मृत्यु के उपरांत उनके दाह-संस्कार में जाने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

ग्रामीणों में रोष: चरही बस्ती के छठ घाट पर जाने के लिए रास्ता नहीं

आस्था पर भारी है अतिक्रमण, चुरचू प्रखंड के चरही बस्ती के छठ घाट पर जाने के लिए रास्ता नहीं है। इस असुविधा के लिए ग्रामीणों ने रोष जाहिर किया है। चरही बस्ती के ग्रामीण धोर-धोरवा नदी पर आस्था का महान पर्व छठ पूजा को धूम-धाम से मनाते है।

नदी तक जाने वाले रास्ते पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। भू माफियाओं ने रास्ते की जमीन को भी एग्रीमेंट कर बेच डाला है। ग्रामीणों के सामने अब छठ घाट पर जाने की समस्या उत्पन्न हो गई है। चरही में सिर्फ पूजा पाठ करने में ही नही बल्कि लोगो के मृत्यु के उपरांत उनके दाह-संस्कार में जाने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

ये अतिक्रमणकारी रुपए कमाने की सनक में यह भूल जाते है कि उनकी मृत्यु के बाद उनको भी उसी जगह जाना है। यह हाल सिर्फ चरही बस्ती का ही नहीं बल्कि चरही के सीसीएल कॉलोनी से श्मशान घाट और बाजारटांड़ ओवरब्रिज, रेलवे साइडिंग के ओवरब्रिज के आस-पास की सरकारी जमीनों का है। सरकारी भूमि पर तो चरही रेलवे साइडिंग के ओवरब्रिज के आस-पास होटल खोल दिया गया है।

पूर्व में इस जगह पर एनएच 33 की सड़क गुजरी थी। आज भी काली करण सड़क के निशान यहां देखे जा सकते है। जिस तरह से चुरचू प्रखंड के चरही पंचायत में सरकारी भूमि पर तेजी से कब्जा हुआ है। आने वाले समय में यहां कोई भी सरकारी योजना धरातल पर नही उतर सकेगी। चरही में सरकारी जमीन के अभाव में ना तो यहां आज तक कोई कॉलेज खुल पाया है और ना ही किसी तरह के रोजगार से जुड़ी संसाधनों का सृजन हो पाया है।

सरकारी जमीनों में सिर्फ जीएम लैंड ही नही इसमें वन भूमि भी शामिल है। ओवरब्रिज के आगे रांची-पटना एनएच 33 के बगल में दर्जनों होटल वन भूमि पर अवस्थित है। ताज्जुब की बात तो यह है कि उक्त होटल पर काबिज लोग बजाप्ते पानी का बोरिंग कर और झारखंड सरकार की बिजली का कनेक्शन लेकर अपना धंधा कर रहे है।

जबकि बिजली के कनेक्शन लेने में जमीन के कागजात की जरूरत होती है। क्या कहते है अंचलाधिकारी:- इस संबंध में चुरचू प्रखंड के अंचलाधिकारी शशि भूषण सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने यह बताया कि मैं स्वयं स्थल का निरीक्षण कर वृहद रूप से अतिक्रमण हटाने का काम करूंगा। छठ पूजा के बाद जहां भी अतिक्रमण होगा उसे अविलंब हटाया जाएगा।

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