पुलिस मामले की छानबीन में जुटी:झील छठ घाट पर युवक की पीठ में लगा छर्रा।

पुलिस मामले की छानबीन में जुटी:झील छठ घाट पर युवक की पीठ में लगा छर्रा। 


परिजनों ने उसके पीठ से खून निकलता देख इसकी सूचना पुलिस को दी 

भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच रविवार संध्या झील घाट पर अर्घ्य के दौरान एक छठव्रती युवक की पीठ के बाएं उपरी हिस्से में स्प्लिंटर लगी। जिसे कमर के पार से निकाला गया। घटना के संबंध में बताया गया कि परिजनों ने उसके पीठ से खून निकलता देख इसकी सूचना पुलिस को दी और पुलिस की सहायता से अस्पताल में भर्ती कराया। युवक मटवारी निवासी सूरज कुमार सिंह है। वह कपड़ा दुकान में काम करता है। 

आरोग्यम अस्पताल में चिकित्सकों की टीम ने आपरेशन कर पीठ से स्प्लिंटर बाहर निकाला। स्प्लिंटर सूरज के रीढ़ की हड्डी के बगल में जाकर फंस गया था। जिसे चिकित्सकों ने बाहर निकाल दिया। घटना के समय किसी तरह की आवाज नहीं हुई। जिससे आशंका जताई जा रही है कि किसी सायलेंसर लगे हथियार से सूरज की पीठ में सटाकर मारी गई। समाचार लिखे जाने तक वह खतरे से बाहर था और चिकित्सकों ने उसे सोमवार सुबह घर भेज दिया। इस बाबत थाने में किसी तरह का कोई आवेदन नहीं दिया गया। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।

विशेषज्ञ ने कहा- छर्रे मेटल का, मेड इन जर्मनी

युवक की पीठ में लगी मैटल विशेषज्ञों के अनुसार देश में नहीं बनती है। शायद यह मेड इन जर्मनी होगा। देशी हथियार में भी इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है। यह विशेष हथियार है और जांच के बाद हीं इस पर कुछ कहा जा सकता है। संभावना जतायी जा रही है कि जांच होेने पर बड़ा खुलासा हो सकता है। जिस तरह का थ्रेड बना हुआ स्प्लिंटर है इससे स्पष्ट है कि वह बम से नहीं बैरल से निकला हुआ मेटल है। बताया कि अगर पटाखा से निकला हुआ होता तो सबसे पहले बॉडी को जला देता और फोड़ा हो जाता, जलन होता। जबकि बैरल से निकले मैटल व स्प्लिंटर लगने से ऐसा नहीं होता है। खून रिसने के बाद पता चलता है कि गोली लगी है।

दर्द का एहसास होने पर युवक ने परिजनों को बताया

ज़ख़्मी सूरज कुमार ने बताया कि क्या हुआ कैसे हुआ मुझे कुछ नहीं पता। अचानक पीठ में मुझे दर्द होने लगा। तभी मैं सीढ़ी के पास बैठ गया। अपनी बुआ को दर्द के बारे में बताया तो पता चला कि मेरी पीठ से खून निकल रहा है। इसके बाद मेरे करीबी मुझे तुरंत अस्पताल ले जाने लगे। तभी पुलिस प्रशासन के ज़रिए मुझे अस्पताल लाया गया। सूरज कुमार ने कहा कि मेरी आज तक किसी से कोई दुश्मनी नहीं। सुबह उठता हूं सीधे अपने काम पर चला जाता हूं। ड्यूटी ख़त्म होते ही घर आ जाता हूं। क्यों किस लिए मुझ पर हमला किया गया मुझे नहीं पता ।

डॉक्टर ने कहा- अपराधी और युवक की दूरी दो कदम होगी

डॉ मनीष कुमार सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्ट्या यह गोली जैसी धातु की बनी वस्तु है। जिसने भी गोली चलाई है। अपराधी और जख्मी युवक की दूरी दो कदम की रही होगी। जख्मी युवक अपराधी से एक सीढ़ी नीचे होगा और माथे के पीछे से बंदूक की नोक को नीचे की ओर करके गोली चलाई गई है। जिससे गोली बाएं कंधे में लगी और रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से के किनारे कमर के पास में जाकर फंस गई।

एसपी ने कहा- फैक्ट क्या है इसकी जांच की जा रही है

एसपी मनोज रतन चौथे ने कहा कि वह स्प्लिंटर है। इस तरह का उपयोग गिद्दी में भी एक दो घटनाओं में किया गया है। क्या फैक्ट है इसकी जांच की जा रही है, लेकिन एक्सप्लोसिव को इस तरह से प्रयोग करने पर प्रतिबंध है। बावजूद इसके इसका प्रयोग किया गया है तो जांच कर कार्रवाई होगी। पटाखा या सुतली बम में स्प्लिंटर लगाकर उसे विस्फोट कराना जैसी घटना प्रथम दृष्टया लग रहा है।


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