डुमरौन गांव की रानी देवी अपने मृत पति बबलू कुमार मेहता (24 वर्ष) का मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए 16 माह से चक्कर लगा रहीं विधवा।
डुमरौन गांव की रानी देवी अपने मृत पति बबलू कुमार मेहता (24 वर्ष) का मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए 16 माह से चक्कर लगा रहीं विधवा।
डुमरौन गांव की रानी देवी अपने मृत पति बबलू कुमार मेहता (24 वर्ष) का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए 16 महीने से जनप्रतिनिधियों और ब्लॉक का चक्कर काटते थक चुकी है। वह 18 माह की दुधमुंही बेटी सिया को लेकर मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए ब्लॉक और पंचायत सचिवालय आते जाते हैरान परेशान हो चुकी है। अब वह कहती है कि पति तो दुनिया में नहीं रहे, उनके जाने के बाद अब इस दुनिया में मेरा अपना कोई नहीं है। क्योंकि मृतक पति का मृत्यु प्रमाण पत्र बनने में उसे किसी का साथ नहीं मिल रहा है। यही कारण है कि 16 महीने बीतने के बाद भी मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिल पाया है। जिस कारण रानी को विधवा पेंशन, आपदा प्रबंधन के तहत मिलने वाला मुआवजा और एलआईसी की बीमा राशि नहीं मिल पा रही है। बता दें कि रानी देवी के पति बबलू मेहता की मौत 27 जून 2021 को डुमरौन एरिया के खैरा टाड़ में जानवर चराने के दौरान वज्रपात के चपेट में आने से हो गई थी। घटना में तीन-चार अन्य चरवाहे घायल हुए थे। तब से अभी तक मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं मिलने के कारण महिला के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। रानी देवी ने कहा कि अक्तूंबर माह के अंदर प्रमाण पत्र नहीं बना तो मैं आत्महत्या को विवश हो जाऊंगी। उसने बताया कि वार्ड सदस्य और मुखिया मृत्यु प्रमाण पत्र के आवेदन पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे है जिस कारण प्रखंड कार्यालय से मृत्यु प्रमाण पत्र 16 माह बाद भी नहीं मिल सका है।
क्या कहते हैं मुखिया
डुमरौन के मुखिया चोहन महतो ने कहा कि रानी के ससुर रघु महतो और उसकी पत्नी झगड़ालू प्रवृत्ति की है। बीमा तथा आपदा प्रबंधन से मिलने वाले राशि बहू के खाते में न जाए इसीलिए प्रमाण पत्र के फोरम पर हस्ताक्षर करने से मना कर दिया है। साथ ही हस्ताक्षर करने पर गाली ग्लौज पर उतर आते हैं। जिसके डर से हस्ताक्षर नहीं किया हूं। मामले को लेकर कई बार पंचायत भी हो चुकी है लेकिन उसका ससुर रघु महतो पंचों के फैसले को महत्व नहीं देता है।

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