2 अक्टूबर को गांधी जयंती:सेवानिवृत्त शिक्षक ने बनाई अशोक स्तम्भ व गांधी की प्रतिमा, अनावरण कल।
2 अक्टूबर को गांधी जयंती:सेवानिवृत्त शिक्षक ने बनाई अशोक स्तम्भ व गांधी की प्रतिमा, अनावरण कल।
हजारीबाग समाहरणालय परिसर में अशोक स्तम्भ और चरखा पर सूत कातते महात्मा गांधी की प्रतिमा बनाने वाले अनिल पृथ्वी नवोदय विद्यालय से सेवानिवृत्त कला के शिक्षक हैं। रिटायरमेंट के बाद से ये युवा जोश के साथ अपनी मूर्ति निर्माण कला को जीवंत रूप देने में लगे हैं। हजारीबाग समाहरणालय परिसर में इनके द्वारा बनाई गई प्रतिमा का अनावरण 2 अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर किया जाना है। इससे पहले हजारीबाग में सेंट्रल जेल के सामने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की मूर्ति, मार्खम कालेज में एएफ मार्खम और हजारीबाग झील के मुहाने त्रिमूर्ति चौक पर बनी मूर्तियां भी इन्हीं की बनाई हुई हैं।
कलाकार पैसा कमाने का जरिया नहीं
नवोदय विद्यालय चतरा से एक शिक्षक के तौर पर अपने रिटायरमेंट से पहले अनिल पृथ्वी ने कहा था कि जब वे यहां से रिटायर होंगे तब वे 18 वर्ष के होंगे। जनवरी 2021 में विद्यालय से सेवानिवृत्त हुए अनिल पृथ्वी कहते हैं कि शांति निकेतन के कला संकाय में जो भी शिक्षक हैं वो अपने अपने क्षेत्र में विश्व में ख्यात हैं।
नवोदय विद्यालय ट्रेनिंग सेंटर गोवा में विशाल मूर्ति बनाई
अनिल पृथ्वी मूलरूप से बिहार के लखीसराय बड़हिया के रहने वाले हैं। शांति निकेतन कला भवन, कला संकाय से पांच वर्षीय कोर्स पूरा कर डिग्री हासिल की है। नवोदय विद्यालय में इनकी नियुक्ति कला शिक्षक के पद पर हुई थी। बताते हैं कि स्कूली जीवन में अन्य विषयों में इनकी रुचि नहीं रहती थी। हमेशा छुप छुपाकर चित्रकारी ही करते रहते थे, जिसके चलते मार भी पड़ती थी। हालांकि इस आर्ट के चलते बायोलॉजी में इन्हें अच्छे नंबर आते थे। इन नंबरों को देख घर वाले इन्हें मेडिकल पढ़ाना चाहते थे। शांति निकेतन से डिग्री लेने के बाद कुछ दिन झरिया धनबाद में प्राइवेट स्कूल में आर्ट टीचर के रूप में काम किया फिर 1989 में नवोदय विद्यालय विक्रम पटना में कला शिक्षक नियुक्त हुए।
वहां सेवा देते हुए 1994 में परीक्षा लेने के लिए अन्य शिक्षकों के साथ इन्हें लोहरदगा भेजा गया। यहां रहते हुए स्कूल के प्राचार्य के कहने पर तीर चलाते आदिवासी युवक की मूर्ति बना दी। ऑल इंडिया नवोदय विद्यालय ट्रेनिंग सेंटर गोवा में विशाल मूर्ति बनाई। पुनः नवोदय विद्यालय के दिल्ली स्थित हेड क्वार्टर में प्रवास के दौरान गौतम बुद्ध की खड़ी मूर्ति को आकार दिया। बीआईटी मेसरा में झारखंडी युवक की मूर्ति, गिरिडीह के गांडेय में बिरसा मुंडा की 30 फीट ऊंची मूर्ति बनाई है।
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