मात्र एक डॉक्टर के भरोसे बड़कागांव एवं केरेडारी प्रखंड पशु चिकित्सालय।

मात्र एक डॉक्टर के भरोसे बड़कागांव एवं केरेडारी प्रखंड पशु चिकित्सालय। 

लंपी वायरस को लेकर कई देश हरकत में है। बड़कागांव एवं केरेडारी प्रखंड के 39 पंचायतो में मात्र एक पशु चिकित्सक के भरोसे पशुओं का इलाज चल रहा है। बड़कागांव प्रखंड पशु चिकित्सालय में पदस्थापित डॉ लाइशरम गोसाई सिंह ने बताया कि एक प्रखंड मुख्यालय,दूसरा चोपदार बलिया एवं केरेडारी प्रखंड मुख्यालय स्थित पशु चिकित्सालय में काम करना पड़ता है। बड़कागांव पशु चिकित्सालय में मात्र एक स्वास्थ्य कर्मी बालेश्वर कुमार है। उन्होंने बताया कि लंपी वायरस के इलाज के लिए यहां सभी तरह की दवाइयां उपलब्ध है। सुकर, बकरी, गाय, बैल, काड़ा, भैंस की इलाज के लिए उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि लंपी वायरस के लिए यहां सेंपल लेकर कोलकाता एवं भोपाल प्रयोगशाला में भेजा जाता है । चिकित्सा प्रभारी सिंह ने बताया कि अभी तक बड़कागांव प्रखंड में लंपी वायरस का एक भी मामला नहीं आया है। वैसे हम सभी सतर्क हैं। एक डॉक्टर के भरोसे दो प्रखंड के 39 पंचायत के कुल 163 गांव में पशुओं के इलाज करने में परेशानी होती है। 

सूकरों के लिए नहीं मिलती है दवा

सूकर फार्म के संचालक नकुल महतो ने बताया कि सूकरों के लिए स्वाइन फीवर वैक्सीन एवं एफएमडी वैक्सीन सहित अन्य दवा नहीं मिलती है।

क्या कहना है किसानों का

गुरु चट्टी के गाय पालक प्रभु दयाल महतो, धुपन महतो, सांढ़ निवासी अशोक पासवान, बजरंग राम का कहना है कि पशु चिकित्सक की कमी के कारण हम लोग को गाय, बकरी एवं बैलों को इलाज कराने में परेशानी होती है। समय पर दवा भी नहीं मिलती है।

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