हजारीबाग में घंटे-डेढ़ घंटे में कट रही बिजली, त्राहिमाम कर रहे लोग, आम और खास सभी बिजली की कटौती से परेशान हो उठे हैं।

हजारीबाग में घंटे-डेढ़ घंटे में कट रही बिजली, त्राहिमाम कर रहे लोग, आम और खास सभी बिजली की कटौती से परेशान हो उठे हैं। 

हजारीबाग में घंटे-डेढ़ घंटे में रूला रही बिजली। आम और खास सभी बिजली की कटौती से परेशान हो उठे हैं। बुधवार को डेढ़ डेढ़ घंटे का छह बार छह बार ट्रिप हुआ। गुरुवार को अब तक डेढ़-डेढ़ के दो ट्रिप हो चुके हैं। फिर 15-15 मिनट बिजली भी ट्रिप हो रहा है। न अधिकारी समझ पा रहे हैं कि ऐसा क्यों हो रहा है न तो उपभोक्ता। सबकी परेशानी बढ़ी हुई। अधिकारिक आंकड़े अलग हैं और आम लोगों के अलग। अधिक लोड शेडिंग होने के साथ लोकल फॉल्ट बढ़ता है। नतीजतन बिजली अनाप शनाप कटती है। इससे लोगों को न सुबह में चैन है न रात में आराम। सुबह छह बजे बिजली गुल होती है तो अमूमन 10 बजे तक आना जाना करती ही रहती है। 10 बजे आयी तो जाने का कोई ठिकाना नहीं। शाम में पिक आवर में बिजली शाम पांच बजे कटी तो साढ़े छह में दर्शन देकर नौ बजे रात तक गुल। बिना किसी शिड्यूल के बिजली कटौती से व्यापारियों, उद्यमियों, घरेलू काम करने वाली महिलाओं सभी को परेशानी उठानी पड़ रही है। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, घरों में खाना खराब हो रहा है, पानी नहीं मिल रहा है। फैक्ट्रियों में उत्पादन नहीं हो रहा है। कारोबारियों, कार्यालयों में बिजली के अभाव में डीजल की खपत बढ़ गयी है। इनवर्टर जवाब दे रहा है। घरों में अंधेरा कायम रहता है। इलाकों में चोर उच्चके सक्रिय हो रहे हैं। विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो रही है। अपार्टमेंटों में पानी चढ़ाने में दिक्कत हो रही है। जेनरेटर का सहारा लेना पड़ रहा है। 

क्यों कट रही बिजली अधिकारियों को भी नहीं पता

बिजली क्यों कट रही है, इस संबंध में हजारीबाग डीवीसी और मैथन के अधिकारी भी बताने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार पर बिजली के बढ़ते बकाया को लेकर कटौती हो रही हो इससे इंकार नहीं किया जा सकता। क्योंकि मैथन के सीएलडी डिपार्टमेंट से संपर्क करने पर वहां भी इस संबंध में सूचना देने से इंकार किया गया। समझा जा रहा है कि सरकार और जनता के दवाब से बचने के लिए यह बात छिपायी जा रही है। वैसे हजारीबाग डीवीसी के जीओएम के अधिकारी कहते हैं कि उन्हें बिजली कटने का कोई शिड्यूल नहीं मिला है न ही यह पता है कि क्यों बिजली कट रही है।

व्यापारी चुप नहीं बैठेंगे करेंगे आंदोलन: शंभुनाथ अग्रवाल

इधर लगातार बिजली कटौती को लेकर व्यवसायियों में रोष बढ़ रहा है। फेडरेशन ऑफ हजारीबाग चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष शंभूनाथ अग्रवाल कहते हैं कि बिजली की कटौती ने व्यापारियों की कमर तोड़ दी है। हमने इस संबंध में खुद सदर विधायक से बात की। उन्होंने भी कहा कि सरकार की लचर व्यवस्था के कारण हजारीबाग के लोग परेशानी झेलने को विवश हैं। आंदोलन करके भी देख लिया गया, लेकिन कहीं कोई असर नहीं पड़ा। उनका कहना है कि अब व्यापारी चुप बैठने वाले नहीं हैं। प्रशासन-सरकार ने अगर ध्यान नहीं दिया तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। सरकार को त्राहिमाम पत्र भी भेजा जा रहा है।

शहर में नौ घंटे ग्रामीण इलाकों में 12 घंटे बिजली की कटौती

जिले में बिजली की आंख मिचौली रुकने का नाम नहीं ले रही है। बिजली व्यवस्था इस कदर चरमरा गई है कि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र में मुश्किल से 09 से 12 घंटे बिजली मिल रही है। करमा पूजा के दिन बड़कागांव, केरेडारी, टाटीझरिया हजारीबाग कटकमदाग रोड हजारीबाग चतरा रोड के सैकड़ों गांवों मे बिजली गुल रही। रात में बिजली के आने और जाने का दौर चलता रहा।

डीवीसी की लोडशेडिंग बढ़ गयी है। इसका शेड्यूल नहीं है। डीवीसी बिना समय बताए लगातार बिजली कटौती कर रहा है। कभी सुबह में बिजली काट दी जाती है तो कभी पिक आवर में। इसके कारण बिजली विभाग के अधिकारियों को उपभोक्ताओं का आक्रोश झेलना पड़ रहा है। डीवीसी जब बिजली देता है तो अचानक लोड बढ़ जाता है। मेंटेनेंस में भी परेशानी हो रही है।

महादेव मुर्मू कार्यपालक अभियंता बिजली विभाग हजारीबाग

ग्रिड नहीं रहना भी बड़ी परेशानी का कारण

हजारीबाग में बिजली विभाग का अपना ग्रिड नहीं है। इससे बिजली डीवीसी के ग्रिड पर निर्भर रहना पड़ता है। अत्यधिक बिजली आने जाने के कारण व्यवस्था संभालने में दिक्कत होती है। हजारीबाग में डेढ़ लाख बिजली उपभोक्ता हैं। करीब साढ़े 17 लाख आबादी परेशान रहती है। यहां पर छह फीडर हैं।

जब यशवंत सिन्हा बिजली के लिए जेल भी गए

14 जुलाई 2014 बिजली के लिए पूर्व सांसद यशवंत सिन्हा जेल भी गए। यहां आंदोलन होने पर कुछ दिन आपूर्ति ठीक रहती है पर बाद में वही स्थिति हो जाती है। तीन दशक से बिजली की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो पायी है। इसी साल सदर विधायक मनीष जायसवाल ने बड़ा जनआंदोलन चलाया था। इसका असर यह हुआ कि सरकार स्तर पर डीवीसी कमांड एरिया में बकाया भुगतान और बिजली कम काटने के लिए सहमति बनी। लेकिन अब पुन: वही स्थिति हो गयी है।

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