संयुक्त राष्ट्र से लौटकर काजल ने हजारीबाग में साझा किया अनुभव।
संयुक्त राष्ट्र से लौटकर काजल ने हजारीबाग में साझा किया अनुभव।
गौतम बुद्ध शिक्षक प्रशिक्षक महाविद्यालय मुकुंदगंज में मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र ट्रांसफोमिंग एजुकेशन में झारखंड का प्रतिनिधित्व करने वाली काजल कुमारी ने अपना अनुभव साझा किया। काजल कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन की सक्रिय कार्यकर्ता भी है। काजल ने बताया कि बाल मजदूरी, बाल विवाह और बाल शोषण को रोकना तथा गांव के लोगों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने की जिम्मेदारी को उसने लक्ष्य के रूप में लिया। इन कुरीतियों में पिसकर बच्चों का बचपन खत्म हो जाता है। उसने प्रशिक्षु शिक्षकों से अपील की कि जहां पर भी बाल मजदूरी तथा बाल विवाह देखे उसे रोकने का प्रयास करें। शिक्षा का दीप जलाकर ही इन कुरीतियों को मिटाया जा सकता है। बाल विवाह उन्मूलन की ब्रांड एंबेसडर सह फाउंडेशन की कार्यकर्ता राधा पांडेय ने कहा कि लड़कियों को भी सपना देखने और उसको पूरा करने का अधिकार है। पारिवारिक समस्याएं तथा बेटे की चाह में अधिक लड़कियां, आर्थिक समस्या तथा लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार की बढ़ती घटनाओं के कारण समाज में कम उम्र में ही लड़कियों की शादी कर दी जाती है। प्रत्येक लड़कियों को इसका विरोध करना चाहिए। बचपन बचाओ आंदोलन के पूर्व राष्ट्रीय सचिव और फाउंडेशन के वरिष्ठ कार्यकर्ता गोविंद खनाल ने कहा कि बाबल मजदूर मुक्त भारत बनाना ही संगठन का उद्वेश्य है। इसमें सभी नागरिकों को जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है। बाल विवाह और बाल मजूरी की खिलाफत करनी चाहिए। मौके पर प्राचार्य डॉ अरविंद कुमार यादव, उप-प्राचार्य डॉ प्रमोद प्रसाद, डॉ बसुंधरा कुमारी, डॉ पुष्पा कुमारी, कुमारी अंजली, लीना कुमारी, गुलशन कुमार, महेश प्रसाद, दीपमाला, दशरथ कुमार, जगेश्वर रजक, संदीप सिन्हा, अनिल कुमार, रूपेश कुमार दास आदि मौजूद थे।
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