9 सदस्यीय कमेटी गठित : जीएम भूमि हड़पने के मामले में बनी नौ सदस्यीय जांच कमेटी।

9 सदस्यीय कमेटी गठित : जीएम भूमि हड़पने के मामले में बनी नौ सदस्यीय जांच कमेटी। 

रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू अंचल में गैरमजरूआ भूमि के सर्वे करने गए हजारीबाग के कर्मचारियों ने 35 कराेड़ की 28.43 एकड़ जमीन अपने नाम करा ली।

सर्वे करने गए हजारीबाग के कर्मचारियों ने 35 कराेड़ की 28.43 एकड़ जमीन अपने नाम करा ली। इस मामले में कई अखबारों में ख़बर प्रकाशित होते ही प्रमंडलीय कार्यालय के बंदोबस्त पदाधिकारी महेश कुमार संथालिया ने आपात बैठक बुलाई और 9 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है। जिसमें 4 सदस्यीय कमेटी और पांच सहयोगी शामिल हैं। बंदोबस्त पदाधिकारी हजारीबाग के द्वारा 12 सितंबर को शाम में जारी ज्ञापांक 509/22 आदेश पत्र में कहा गया कि रामगढ़ जिला अंतर्गत मांडू अंचल में गैरमजरूआ भूमि के सर्वे कार्यक्रम पर समाचार पत्र से कई शिकायतें प्राप्त हुई है। जिनकी प्रति आदेश के साथ संलग्न की गई है। जिसमें मांडू अंचल के गैरमजरूआ भूमि के सर्वे की शिकायतों की जांच के लिए नौ सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। जांच कमेटी में सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी अलका कुमारी को अध्यक्ष, अमृता खाखा, प्रिटी केरकट्टा और ओम प्रकाश को सदस्य बनाया गया है। वही कमेटी के सहयोग के लिए मोहर्रिर पद पर स्थापित किशोर कुमार चौधरी, नंदलाल प्रसाद, अमरनाथ सिंह, रितेश कुमार, लिपिक सुधीर कुमार को प्रतिनियुक्त किया गया है।

बंदोबस्त पदाधिकारी महेश कुमार संथालिया के हस्ताक्षर युक्त आदेश पत्र में कहा गया है कि मांडू में गैरमजरूआ भूमि पर जांच कर एक पक्ष में अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। जिसकी प्रतिलिपि सभी संबंधित पदाधिकारियों एवं संबंधित कर्मचारियों को सूचनार्थ करते हुए प्रेषित करें। मुख्य रूप से गठित 4 सदस्यीय कमेटी के सहयोग के लिए 5 सदस्यों को भी उपलब्ध कराया गया है । इसके अतिरिक्त भी जरूरत पड़ने पर मुहर्रिर लिपिक व कर्मियों का सहयोग लेने का निर्देश दिया गया है।

गड़बड़ी की शिकायत करने वाले को जांच समिति में किया गया शामिल। 

कमेटी में पुन: वैसे लोगों को रखा गया है जो पूर्व में बंदोबस्त कार्यालय हजारीबाग और निदेशालय को एक रिपोर्ट कर गैरमजरुआ जमीन में गड़बड़ी के संबंध में बताया था। निदेशालय में चल रहे मामला को लेकर पूर्व में भी एक जांच टीम बनी थी। इस जांच के क्रम में पप्पू यादव और उसके सहयोगियों द्वारा धमकी दिया गया था कि अगर हमारे पक्ष में रिपोर्ट तैयार नहीं किया गया तथा मुझे रिपोर्ट नहीं दिखाया गया तो आप लोगों का बनाया गया यह जांच रिपोर्ट और उस पर किए गए हस्ताक्षर का कोई मायने नहीं होगा।

अब पुन: गैरमजरूआ खाते की जमीन को निजी खाता खोलने पर उन्हीं पदाधिकारियों को कमेटी में शामिल किया गया है । गैरमजरूआ जमीन बंदोबस्त किए जाने के मामले में संबंधित आरोपित रैयतों का कहना है कि इस संबंध में पूर्व में भी जांच हुई थी। इस पर कार्रवाई करते हुए सभी जमीन को प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसलिए वह जमीन अब हमारा नहीं है। बंदोबस्त पदाधिकारी महेश कुमार संथालिया ने कहा है कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है। गैरमजरूआ जमीन का खाता खुलवाने वालों पर कमेटी के द्वारा प्राप्त जांच रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई की जाएगी और वैसे जमीन वापस होंगे।

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