हजारीबाग : 240 दिन में 140 लोगों की सड़क हादसे में मौत, 160 घायल।
हजारीबाग जिले में 240 दिन में 140 लोगों को जान गयी है। चालू वर्ष 2022 में हजारीबाग के लिए सड़क दुर्घटनाओं से भरा पड़ा है। जीटी रोड और नेशनल हाईवे 33, हजारीबाग विष्णुगढ़ मार्ग पर सड़क हादसे का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सड़क हादसे से सरकार चिंतित है।
हजारीबाग : 240 दिन में 140 लोगों की सड़क हादसे में मौत, 160 घायल।
हजारीबाग जिले में 240 दिन में 140 लोगों को जान गयी है। चालू वर्ष 2022 में हजारीबाग के लिए सड़क दुर्घटनाओं से भरा पड़ा है। जीटी रोड और नेशनल हाईवे 33, हजारीबाग विष्णुगढ़ मार्ग पर सड़क हादसे का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। सड़क हादसे से सरकार चिंतित है। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन तक को चिंता में डाल दिया है। तीनों में ट्वीट कर हजारीबाग विष्णुगढ़ मार्ग में टाटीझरिया सड़क घटना पर अफसोस जताया है। हजारीबाग में सड़क हादसे से इतनी मौत होती है कि कोरोना से मौत के आंकड़े भी पीछे छोड़ जा रहे हैं। दिल की बीमारी से मरने वालों लोगों की ज्यादा तादाद होती है। लेकिन सड़क हादसे में मरने वालों की तादाद कोरोना, डायरिया और तपेदिक बीमारी से ज्यादा है। जनवरी से नौ अगस्त तक 140 लोगों की जिंदगियां छिन चुकी है। उनके परिजन इस दुख से उबर नहीं पा रहे हैं जिसमें टाटीझरिया में आठ लोगों की मौत शामिल है। जबकि एनएच और जीटी रोड सहित विभिन्न सड़क पर 160 से अधिक लोग हाथ पैर तुड़वाकर घायल पड़े हैं। प्रत्येक साल तीन महीने में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक होती है। जिसमें डीसी सहित बड़े अधिकारी और यहां के गणमान्य नागरिक शामिल होते हैं। नए ट्रैफिक रूल्स को जागरूक करने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। सड़क दुर्घटना को रोकने नए प्लान नई रणनीति पर चर्चा होती है। हर साल यातायात विभाग की ओर से ट्रैफिक रूल्स तोड़ने पर चलाने की व्यवस्था के नाम पर वाहन मालिकों से लाखों रुपए वसूल लेती है। जनवरी से अगस्त में 50 लाख रुपए से अधिक जुर्माना वसूल चुकी है। इसके बावजूद न लोग जागरुक बन रहे हैं और न सड़क हादसे में कमी नजर नहीं आती है। सड़क हादसे और बढ़ते नजर आते हैं।
सड़क दुर्घटना के मुख्य कारण लापरवाही
तेजी से वाहन चलाने से सड़क दुर्घटना रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। हालांकि जिले में अंधे मोड़ खत्म हो गए हैं। लेकिन वाहन चालक जागरूक नहीं हुए हैं। चालक की लापरवाही, यातायात नियमों का उल्लंघन और ठीक से जांच नहीं करना, चालक द्वारा नशे का सेवन मुख्य कारण नजर आते हैं। बढ़ते सड़क दुर्घटना के लिए पैदल चलने वाले दुपहिया या अन्य छोटे वाहन चालकों की लापरवाही तथा यातायात विभाग समान रूप से जिम्मेदार है।
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