आईपीएचएल के निर्माण को लेकर निरीक्षण करने पहुंची केंद्रीय टीम उपायुक्त सहित वरीय अधिकारियों के साथ किया मंथन।

आईपीएचएल के निर्माण को लेकर निरीक्षण करने पहुंची केंद्रीय टीम उपायुक्त सहित वरीय अधिकारियों के साथ किया मंथन। 

हजारीबाग : जिले में केंद्र सरकार द्वारा एक अत्याधुनिक पैथोलाजिकल लैब-समेकित पब्लिक हेल्थ लैब आइपीएचएल की स्थापना की जाएगी। उक्त लैब का निर्माण आयुष्मान भारत योजना के तहत शहर के मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर में किया जाएगा। इसे लेकर शुक्रवार को नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर के सलाहकार डा. हिमांशु की अगुवाई में केंद्र सरकार की टीम ने उपायुक्त, सिविल सर्जन, मेडिकल कालेज के प्राचार्य, अस्पताल के अधीक्षक सहित वरीय पदाधिकारियों के साथ बैठक कर मंथन किया। साथ ही लैब के निर्माण को लेकर चिह्नित भवन का भी निरीक्षण किया। गौरतलब है कि इस लैब में सभी प्रकार के पैथोलाजिकल जांच अत्याधुनिक मशीनों द्वारा रियायती दर पर की जाएगी। वहीं हजारीबाग के अलावा राज्य के दो जिला रांची व चाईबासा में इस प्रकार के लैब की स्थापना की जाएगी। जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार द्वारा नई दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में स्थापित पैथोलाजिकल लैब की तर्ज पर देश के कुछ चुनिंदा जिला में लैब की स्थापना किया जाएगा। इसे लेकर शुक्रवार को नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर के सलाहकार डा हिमांशु की अगुवाई में निरीक्षण टीम हजारीबाग पहुंची। यहां पहुंचने पर टीम ने मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर में सीएस सभागार में सिविल सर्जन, मेडिकल कालेज के अधीक्षक व अन्य पदाधिकारियों के बैठक की। बैठक के दौरान लैब के निर्माण को लेकर विचार विमर्श किया गया। इसके उपरांत टीम उपायुक्त नैंसी सहाय के साथ बैठक कर लैब के निर्माण को लेकर चर्चा की। अंत में मेडिकल कालेज के प्राचार्य के बैठक कर इस विषय पर मंथन किया गया। तत्पश्चात पुन: अस्पताल परिसर पहुंच कर स्थल निरीक्षण किया। इस क्रम में टीम के साथ लैब स्थापित करने वाले डेवलपमेंट पार्टनर पाथ व जपायगो के पदाधिकारी भी शामिल थे। साथ ही डीपीएम रविशंकर, डीपीसी मुकेश कुमार, एचएम मो. शाहनवाज व अन्य लोग शामिल थे।

एक छत के नीचे लोगों को मिल पाएगी सभी प्रकार की पैथोलाजिकल जांच :

अत्याधुनिक समेकित पैथोलाजिकल लैब के संचालित होने के बाद लोगों को में एक ही छत के नीचे सेरोलाजी, साइटोलाजी, माइक्रोबायलाजी, हिस्टोपैथी एवं मेडिको लीगल जांच सहित सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध हो पाएगी। वहीं की जानेवाली जांच की दर भी बाजार की अपेक्षा काफी सस्ती होगी। साथ ही लैब पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड होगा। इससे लोगों को उनकी जांच रिपोर्ट मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से मिल पाएगा। वहीं पूरी योजना का खर्च केंद्र सरकार के द्वारा वहन किया जाएगा और योजना की राशि उपायुक्त को भेजी जाएगी।


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