कनहरी पहाड़ का होगा कायाकल्प, खर्च होंगे लगभग दो करोड़। कनहरी पहाड़ से सूर्योदय का मनमोहक नजारा देख सकेंगे लोग, बनेगा सनराइज प्वाइंट।
कनहरी पहाड़ का होगा कायाकल्प, खर्च होंगे लगभग दो करोड़। कनहरी पहाड़ से सूर्योदय का मनमोहक नजारा देख सकेंगे लोग, बनेगा सनराइज प्वाइंट।
अपनी खूबसूरत वादियों के प्रसिद्ध कनहरी पहाड़ी से बहुत जल्द लोग सूर्योदय के मनमोहक नजारे का आनंद ले सकेंगे। वन विभाग ने पर्यटन के दृष्टिकोण से कनहरी पहाड़ी को विकसित करने के लिए कई योजनाएं बनाई हैं। इसके तहत ही यहां सनराइज प्वाइंट का निर्माण किया जा रहा है। पहाड़ी के ऊपर लगे मोबाइल टावर के पास स्थान चिन्हित कर लिया गया है। इसी स्थान पर पहुंचकर लोग सूर्योदय का मनमोहक नजारा ले सकेंगे। लोगों के बैठने के लिए यहां बेंच भी लगाए जाएंगे। वन विभाग की टीम के द्वारा यहां सर्वे काम भी पूरा कर लिया गया है। जल्दी ही यहां निर्माण कार्य प्रारंभ होगा। बताया जाता है कि पहाड़ी के आसपास के क्षेत्र को विकसित करने के लिए करीब दो करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। पहाड़ी पर बनी सीढ़ियों को भी दुरुस्त किया जाएगा। इसके अलावा इसके आसपास के क्षेत्र में औषधीय वाटिका लगाई जाएगी। यहां आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सोलर लाइट की व्यवस्था भी होगी। डीएफओ सौरव चंद्रा ने बताया कि कनहरी पहाड़ी शहरी क्षेत्र के अंदर आता है। इसे विकसित करने के लिए आम लोगों से भी सुझाव लिए जा रहे हैं। पर्यटकों को यहां सुरक्षा मिल सके इसका भी विशेष इंतजाम किया जाएगा। इस पर काम प्रारंभ भी कर दिया गया है।
शहर के कनहरी पहाड़ को कायाकल्प करने को लेकर वन विभाग ने नगर वन योजना की स्कीम चला रही है।
बताया गया कि इस समय भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना चल रही है। इसमें नगर वन योजना भी है। इस नगर वन योजना में एक करोड़ 83 लाख रुपये खर्च कर 85 हेक्टेयर में कार्य किया जाना है। इसमें कनहरी, जगदीशपुर कोर्रा जबरा, सिंदूर पुंदरी का मौजा लिया गया है। इसमें साढ़े चार मीटर का सड़क बनेगा। ताकि यहां घूमने वाले लोगों को परेशानी न हो इसका भी ख्याल रखा जा रहा है। वहीं यहां वन विभाग द्वारा नर्सरी भी तैयार किया जाएगा। पर्यटक का स्वरुप देने के लिए जगह जगह बैठने के लिए शेड का भी निर्माण कराया जाएगा। इतना ही नहीं सभी प्रकार के बैंबू व आयुर्वेदिक पौधों को लगाया जाएगा। डीएफओ सौरव चन्द्रा ने बताया कि आने वाले दो तीन साल में लोगों को एक नया स्वरुप मिलेगा, जो विहंगम होगा। यहां लोग अन्य शहरों से भी आकर इस मनोरम दृश्य को देख सकेंगे। कनहरी पहाड़ी 1. 84 वर्ग किलोमीटर में फैली है। मालूम हो कि पहाड़ी की उंचाई करीब 100.30 मीटर है। पहाड़ी की शहर के लिए उपयोगिता और भविष्य को देखते हुए 1965 में तत्कालीन मुख्यमंत्री केबी सहाय ने पहाड़ी पर पहुंचने के लिए सीढ़ी और पहाड़ी की चोटी पर बादलों से अठखेलियों करने के लिए मीनार भी बनवाया था। हालांकि, यह अभी बदहाल स्थिति में है।
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