हजारीबाग झंडा चौक पर फिर शान से लहराया 40 फीट ऊंचा और 20 मीटर लंबा भगवा ध्वज।

हजारीबाग झंडा चौक पर फिर शान से लहराया 40 फीट ऊंचा और 20 मीटर लंबा भगवा ध्वज। 

 

संघ परिवार बजरंग दल एवं हिंदू जनमानस के द्वारा हजारीबाग की ऐतिहासिक झंडा चौक पर पूरे सम्मान और उत्साह पूर्वक सनातनी  एकता का प्रतीक महावीरी भगवा ध्वज को पुनः स्थापित कर दिया गया है।


100 से अधिक वर्षों से झंडा चौक पर महावीरी और भगवा झंडा फहराने की परंपरा रही है। इसी परंपरा को आज तक निभाया जा रहा है। झंडा चौक से इस बीच कभी भी भगवा झंडा हटाया नहीं गया है। इसके इतिहास की अगर बात की जाए तो 1918 में स्वर्गीय गुरु सहाय ने इस जुलूस की शुरुआत की थी। इसके पीछे भी किदवंती है कि गुरु सहाय को सपना आया था कि आप महावीर झंडा लेकर पूरे क्षेत्र में भ्रमण करें।  इसके बाद उन्होंने 5 दोस्तों के साथ सपना धरातल पर उतारा। रामनवमी में प्रत्येक वर्ष सप्तमी को महावीरी और नवमी को भगवा झंडा फहराने की परंपरा झंडा चौक पर रही है। इस वर्ष रामनवमी में झंडा चौक पर दो साल बाद 40 फिट उंचा और 20 मीटर लंबा भगवा झंडा स्थापित किया गया। कोविड के काल में पिछले दो सालों से झंडा चौक पर भगवा ध्वज बदला नहीं गया था। प्रत्येक वर्ष सप्तमी को महावीरी और नवमी को भगवा झंडा फहराने की परंपरा झंडा चौक पर रही है। इस वर्ष रामनवमी में सप्तमी को महासमिति अध्यक्ष पवन गुप्ता ने महावीरी झंडा स्थापित किया। नवमी को आरएसएस की ओर से ध्वज बदला गया। और 40 फीट ऊंचा और 20 मीटर लंबा भगवा झंडा फहराया गया। 
लेकिन 15 अगस्त को जब देश आज़ादी का 75वा अमृत महोत्सव बड़े धूमधाम से मना रहा था। तब झंडा चौक पर प्रत्येक वर्ष की भांति, जो तिरंगा झंडा फहराया गया उसकी ऊंचाई भगवा झंडा से कम हो गई। फिर इसके बाद सोशल मीडिया और ट्विटर पर झंडा चौक की फ़ोटो वायरल होने लगी। वायरल होती ख़बर पर हजारीबाग ज़िला प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए झंडा चौक पर पहुंच कर भगवा झंडा को उतार कर थाने ले गई। जिसमें सदर थाना प्रभारी गणेश सिंह, लोहसिंघना थाना प्रभारी अरविंद सिंह ने वहां उपस्थित लोगों को समझाते हुए कहा कि आज़ादी के 75वे अमृत महोत्सव में तिरंगा ही ऊंचा रहेगा। और आप लोग भगवा झंडा को फिर से शाम 5 बजे के बाद पुनः स्थापित कर सकते हैं।

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