हजारीबाग के बड़कागांव में मनरेगा से योजना पास होने के बाद भी नहीं बना कुआं, 3 साल से भटक रहे झंडू महतो

हजारीबाग के बड़कागांव में मनरेगा से योजना पास होने के बाद भी नहीं बना कुआं, 3 साल से भटक रहे झंडू महतो। 

हजारीबाग के बड़कागांव प्रखंड अंतर्गत आंगो पंचायत निवासी झंडू महतो कूप निर्माण के लिए वर्ष 2018 से लेकर आज तक भटक रहा है। इसके बावजूद कुआं का निर्माण उसके खेत में नहीं हुआ। आलम ये है कि मनरेगा से कूप निर्माण के लिए योजना भी पास हुआ। इसके बाद भी आज तक कुएं का निर्माण नहीं हो सका है।

वर्ष 2018 में पास हुई योजना, पर अब तक नहीं हुआ निर्माण

मुखिया प्रतिनिधि महेंद्र मांझी के अनुसार, झंडू महतो के नाम से वित्तीय वर्ष 2018 - 19 में मनरेगा मद से कूप निर्माण के लिए योजना पास हो चुका है। इसकी प्राक्कलन राशि 3,52,600 है। यह कुआं झंडू महतो के खेत में बनाना था। जिसका खाता संख्या 324 प्लॉट, संख्या 843 एवं रकबा 280 है। यह योजना 20 अप्रैल, 2018 को पास किया गया है। जिसमें मुखिया सीता मरांडी और वार्ड सदस्य नरेश कुमार का हस्ताक्षर है। जिसमें से मजदूरी दर 168 तय की गई है। 

जूनियर इंजीनियर और ग्रामीणों ने किया हस्ताक्षर

इस योजना के तहत कूप निर्माण के लिए जूनियर इंजीनियर ने 16 जनवरी, 2019 को हस्ताक्षर किया है। झंडू महतो के नाम से कूप निर्माण की स्वीकृति 20 अप्रैल, 2018 के ग्रामसभा द्वारा की गई थी। ग्राम सभा की अध्यक्षता तत्कालीन मुखिया सीता मरांडी ने की थी। ग्रामसभा में उपस्थित महादेव हांसदा, रामजीत गंझु, बुधराम गंझु, मैनेजर गंझु, कुलेश्वर गंझु, हरिलाल गंझु, शिवनाथ गंझु समेत 15 ग्रामीणों का हस्ताक्षर है। झंडू महतो के कूप निर्माण को लेकर कर्मचारी द्वारा 22 जनवरी, 2019 को भूमि प्रतिवेदन भी तैयार की गई है। पर, अब तक झंडू महतो का कूप निर्माण नहीं हुआ है। लिहाजा झंडू महतो कूप निर्माण को लेकर आज भी भटक रहा है। 

मुखिया ने जांच करने की कही बात

इस संंबंध में आंगो पंचायत की मुखिया नीलम मिंज का कहना है कि झंडू महतो के नाम से जब सब कुछ रिपोर्ट तैयार हो चुका था। ग्रामसभा में भी पास हुआ था, तो झुंड महतो के खेत में कुआं बनना चाहिए था। अब तक कुआं नहीं बना भ्रष्टाचार का द्योतक है। इसकी जांच होगी। 

कोडिंग नहीं होने से कुएं का नहीं हुआ निर्माण : पूर्व मुखिया

वहीं, पूर्व मुखिया सीता मरांडी का कहना है कि ग्रामसभा के द्वारा हमलोगों ने कुआं निर्माण संबंधित योजना को पास कर दिए थे। कर्मचारी रिपोर्ट भी हुआ। अब कुआं के लिए कोडिंग करने का काम मनरेगा कर्मी एवं बीपीओ पर है। कोडिंग नहीं हुआ होगा, इसलिए कुआं नहीं बन पाया। 


टिप्पणियाँ