हजारीबाग में साइकिल वितरण की योजना बनाता रहा शिक्षा विभाग, 15 हजार छात्र-छात्राएं नौवीं क्लास में भी पहुंच गए।
हजारीबाग में साइकिल वितरण की योजना बनाता रहा शिक्षा विभाग, 15 हजार छात्र-छात्राएं नौवीं क्लास में भी पहुंच गए।
मुख्यमंत्री साइकिल योजना मुख्यत: आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए है। इस योजना को 2002-03 में छात्राओं के लिए आरंभ किया गया था।
सरकारी स्कूलों में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं को चालू वर्ष में सरकार के द्वारा कल्याण विभाग के द्वारा साइकिल का वितरण नहीं किया गया और इस बीच जिला अंतर्गत लगभग 15 हजार छात्र छात्राएं कक्षा भी पास कर गए। इसके पूर्व कोरोना काल में भी सरकारी योजना के तहत साइकिल का वितरण नहीं हुआ था, क्योंकि तब कोरोना की वजह से स्कूल बंद थे। मुख्यमंत्री साइकिल योजना मुख्यत: आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं के लिए है। इस योजना को 2002-03 में छात्राओं के लिए आरंभ किया गया था।
इस वर्ष आठवीं के साथ नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी दी जानी थी साइकिल।
उद्देश्य था कि घर से स्कूल की दूरी के कारण किसी छात्रा की पढ़ाई नहीं छूटे। छात्राओं की पढ़ाई बीच में छूटने के कारणों में एक कारण घर से स्कूल की दूरी भी एक थी। खासकर ग्रामीण क्षेत्र और बालिकाओं के ड्राप आउट का बड़ा कारण मानते हुए शुरुआत में सरकार ने इस योजना को लडकियों के लिए शुरू किया था। बाद में इस योजना में लड़को को भी शामिल किया गया और उन्हें भी आठवीं कक्षा में साइकिल दी जाने लगी। इस योजना के तहत आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र एवं छात्राओं को साइकिल दी जाती है।
2015 तक कल्याण विभाग के द्वारा छात्र छात्राओं के बीच सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी के माध्यम से साइकिल का वितरण किया जा रहा था। लेकिन पिछली सरकार में इस योजना के तहत साइकिल न देकर चयनित लाभुकों के बैंक अकाउंट में निर्धारित योजना राशि डीबीटी के माध्यम से दी जाने लगी। मगर इस बात को जांचने की समुचित व्यवस्था नहीं की गई कि लाभुकों के द्वारा उस राशि से साइकिल ली गई अथवा राशि को किसी और प्रयोजन में खर्च कर दिया गया। ऐसे में सरकार ने डीबीटी की जगह पुनः साइकिल ही वितरित करने का निर्णय लिया।
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