खनन कार्य में बाधा डालने और प्रशासनिक आदेश के उल्लंघन मामले में योगेंद्र साव और निर्मला देवी साक्ष्य के अभाव में बरी।

खनन कार्य में बाधा डालने और प्रशासनिक आदेश के उल्लंघन मामले में योगेंद्र साव और निर्मला देवी साक्ष्य के अभाव में बरी।



खनन कार्य में बाधा डालने और प्रशासनिक आदेश के उल्लंघन मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव और उनकी पत्नी पूर्व विधायक निर्मला देवी को अदालत ने बरी कर दिया है। अदालत ने दोनों लोगों को साक्ष्य के अभाव में बरी किया।

शुक्रवार को अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत में सुनवाई के दौरान दोनों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया गया था। एनटीपीसी द्वारा की जा रही भूमि अधिग्रहण के खिलाफ योगेंद्र साव और निर्मला देवी अपने समर्थकों के साथ 16 सितंबर 2016 से कफन सत्याग्रह कर रहे थे। उस दौरान एनटीपीसी के खनन स्थल को जाने वाले मार्ग पर निजी वाहन को खड़ा कर सड़क जाम कर दिया गया था। इससे खनन कार्य बाधित हो गया था। मामले में योगेंद्र साव और निर्मला देवी के खिलाफ बड़कागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष के सिर्फ दो गवाह ही अदालत तक पहुंचे। इसका लाभ दोनों को मिला। बता दें कि योगेंद्र साव एवं निर्मला देवी दोनों जानलेवा हमले के एक मामले में सजायाफ्ता हैं। मामले में 10 साल की सजा मिली हुई है।

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