प्रारंभिक विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन रूपांतरण लागत को ढाई साल से संशोधित नहीं किया गया है। बढ़ी महंगाई में राशि काफी कम है। हजारीबाग जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार।
प्रारंभिक विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन रूपांतरण लागत को ढाई साल से संशोधित नहीं किया गया है। बढ़ी महंगाई में राशि काफी कम है। हजारीबाग जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार।
प्रारंभिक विद्यालयों में संचालित मध्याह्न भोजन ( Mid Day Meal ) के रूपांतरण लागत को ढाई साल से संशोधित नहीं किया गया है। पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों के लिए प्रतिदिन प्रति बच्चा 4.97 रुपए और छठी से आठवीं के बच्चों के लिए 7.45 रुपए निर्धारित है। पांच रुपए पहली से पांचवीं कक्षा के बच्चों को स्वादिष्ट, पौष्टिक और गुणवत्ता वाला भोजन परोसने का निर्देश विभाग से मिलता है। बढ़ी महंगाई में राशि काफी कम है। उक्त राशि से सरस्वती वाहिनी माता समिति सब्जी, दाल, मसाले, तेल और ईंधन की खरीद करते हैं। सामान को बाजार से स्कूल तक लाने का परिवहन व्यय भी इसी में शामिल है। चावल की आपूर्ति शिक्षा विभाग अलग से करता है। बढ़ी महंगाई से एमडीएम परोसना सरस्वती वाहिनी माता समिति को भारी पड़ रहा है। उक्त कन्वर्जन कॉस्ट का निर्धारण ढाई साल पहले विभाग ने किया था। कन्वर्जन कॉस्ट निर्धारण के समय रसोई गैस 600 से ₹700 प्रति सिलेंडर थी। सरसों का तेल ₹ 100 लीटर और दाल की कीमत 50 से ₹70 ही थी । वर्तमान में दाल ₹100 सरसों तेल ₹ 180 लीटर और रसोई गैस की कीमत ₹1062 हो गया है।
हजारीबाग जिले में पहली से आठवीं कक्षा के लगभग 146000 बच्चे एमडीएम खाते हैं। सप्ताह में दो दिन बच्चों को अंडा या सीजनल फल देना है। इसके लिए प्रति बच्चा प्रतिदिन ₹ 6 निर्धारित हैं। उक्त राशि राज्य सरकार शिक्षा विभाग को उपलब्ध कराता है। अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ हजारीबाग के जिला अध्यक्ष प्रवीण कुमार बताते हैं कि हर साल कन्वर्जन कॉस्ट की राशि को रिवाइज किया जाना चाहिए।

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें