शराब दुकानों में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति से राजस्व में तीन गुणा वृद्धि।
शराब दुकानों में कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति से राजस्व में तीन गुणा वृद्धि।
जिले में 79 लाइसेंसी शराब दुकान है। जिसमें कर्मचारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इससे राजस्व में तीन गुना वृद्धि हुई है। यह जानकारी सहायक उत्पाद आयुक्त एसके मेहता ने दी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में एक करोड़ 27 लाख का राजस्व उत्पाद विभाग को प्राप्त हुआ है जो पिछले तीन वर्षों में सर्वाधिक है। वर्ष 2018-19 में 35 लाख रुपए का राजस्व सरकार को प्राप्त हुआ था। जबकि 2019-20 में 45 लाख और 2020-21 में 90 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ था। जबकि चालू वित्तीय वर्ष में तीन गुणा अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है। उन्होंने बताया कि सरकार की नई उत्पाद नीति से राजस्व में वृद्धि हुई है। पूर्व में उत्पाद विभाग की जो लाइसेंस दुकान के माध्यम से शराब बेचने कि जो व्यवस्था थी उससे सरकार को राजस्व में लगातार नुकसान हो रहा था। सरकार ने घटते राजस्व को देखते हुए लाइसेंस के माध्यम से लोगों को दुकान के लिए टेंडर व्यवस्था को खत्म कर नई व्यवस्था शुरू की है। इस व्यवस्था के तहत लाइसेंस निर्गत नहीं कर शराब दुकानों में अपने दक्ष कर्मचारियों को प्रतिनियुक्त कर दिया है। दुकानदारों को नकली और असली शराब की पहचान करने ऑनलाइन क्यूआर स्कैन की ट्रेनिंग दी गई है। इससे ट्रांसपोर्टिंग के दौरान शराब की चोरी रोकी जा सकती है। साथ में असली और नकली की पहचान की जा सकती है। इससे कम संसाधन रहने के बावजूद लगातार राजस्व में वृद्धि हुई है। उत्पाद आयुक्त ने बताया कि जिले में शराब की तस्करी को रोकने छापेमारी के लिए जितना स्टॉफ और गाड़ी होना चाहिए उतना उपलब्ध नहीं है। बावजूद विभाग राजस्व वसूली में सफलता प्राप्त कर रहा है।
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