व्यवसायी सुजीत देव हत्याकांड के खुलासे के करीब पहुंची पुलिस।
व्यवसायी सुजीत देव हत्याकांड के खुलासे के करीब पहुंची पुलिस।
शहर के गुरु गोविंद सिंह रोड व्यवसायी सुजीत देव हत्याकांड के खुलासे के करीब पुलिस पहुंच गई है। एसआईटी अनुसंधान और वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर गुनाहगारों की पहचान कर ली है। सिर्फ उनसे कबूलनामा करवाना बाकी भर है। सूत्र के अनुसार पुलिस को पुख्ता प्रमाण मिल चुके हैं। लेकिन इसका खुलासा नहीं कर रही है। एक दो दिनों में इस हत्याकांड का खुलासा कर दिए जाने की उम्मीद है। पुलिस को पूरा भरोसा है कि पुलिस वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर अपराधि बच नहीं सकेंगे।
कई बिंदुओं पर जांच के बाद पुलिस पहुंची इस मुकाम पर
बताया जाता है कि सदर थाना पुलिस कई बिंदुओं पर जांच के बाद इस मुकाम तक पहुंची है। क्योंकि शुरू से एक पक्ष हत्या करने का शक करीबियों पर होने की बात कह रहा था। वहीं दूसरा पक्ष सुजीत देव की शादी नहीं होने की बात संपत्ति हड़पने आदि से इस मामले को जोड़ रहा था। अनुसंधान के क्रम में पुलिस ने अपने तरीके से अनुसंधान कर रही है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने हर करीबी और व्यवसायिक प्रतिष्ठान के कर्मचारी आदि से पूछताछ शुरू की। परिजनों से आपसी संबंधों को लेकर बातचीत की गई। क्योंकि कई लोग उनके परिजनों पर ही हत्या की ओर इशारा कर रहे थे। इसलिए पुलिस ने करीबियों को जांच की बिंदु में रखा।
संपत्ति लेनदेन विवाद जांच के दायरे में
जांच के क्रम में पुलिस को व्यवसायी सुजीत देव के संबंध प्रॉपर्टी डीलर के साथ रहने की बात रहने की बात सामने आई। ग्लास के बिजनेस के साथ-साथ सूद पर पैसे के लेनदेन साक्ष्य सामने आए। पुलिस ने संपत्ति और लेन-देन विवाद को जांच के दायरे में रखा गया। बताया जाता है कि उन्होंने पांच करोड़ से अधिक रुपए बाजार में सूद पर लगा रखे थे इसे भी जांच की बिंदु में पुलिस ने शामिल किया।
पेशेवर अपराधियों के हाथ होने से इंकार नहीं
पेशेवर अपराधियों ने सुजीत देव हत्याकांड को अंजाम दिया है। क्योंकि जिस तरह हत्याकांड को अंजाम देने के बाद अपराधियों ने कोई साक्ष्य नहीं छोड़े थे। लक्ष्मी ग्लास प्रतिष्ठान, मनोरमा मार्केट और आसपास लगे दर्जनों सीसीटीवी कैमरे नष्ट कर दिए गए और जिस अंदाज में शराब पिलाकर सुजीत देव की हत्या की गई। वह पेशेवर अपराधियों की ओर इशारा कर रही थी। इसलिए पुलिस इस एंगल से भी मामले की जांच कर कर रही है। पुलिस अब तक वारदात स्थल से लेकर आसपास सीसीटीवी फुटेज खंगाल चुकी है। फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट और प्रिंटर जांच रिपोर्ट के साथ-साथ मोबाइल लोकेशन को अनुसंधान में शामिल किया गया है। लेकिन पेशेवर अपराधियों ने सीसीटीवी कैमरा नष्ट करने के साथ-साथ घटना को अंजाम देने के समय अपने पास मोबाइल नहीं रखा था। इसलिए उनका मोबाइल लोकेशन भी नहीं मिल पा रहा है।

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें