भवन बनाया नही और 30 लाख से अधिक गटक गए गुरुजी, अब एफआइआर की तैयारी।

भवन बनाया नही और 30 लाख से अधिक गटक गए गुरुजी, अब एफआइआर की तैयारी।

 
हजारीबाग : विद्यालयों के भवन बनाने में गड़बड़झाला करने वाले और सरकारी राशि गटक जाने वाले सात-सात प्रभारी प्रधानाध्यापक और अध्यक्ष पर विभाग ने अब ठोस कार्रवाई करने का मन बनाया है। इन विद्यालयों के प्रभारी प्रधानाध्यापक और अध्यक्ष के पास सरकार के 30 लाख रुपये से अधिक का बकाया है। 10 वर्षों से भी अधिक समय से विद्यालयों के भवन अधूरे हैं और गुरुजी राशि लौटाने की जगह उसे गटक गए हैं। वर्ष 2011-12 से इनके पास पैसा पड़ा है, जिसे ये वापस करने में आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे ही एक मामले में कार्रवाई करते हुए चार दिन पहले ही बरही स्थित नव प्राथमिक विद्यालय कुरहरिया के तीन पारा शिक्षकों को जेल भेजा गया है। इन शिक्षकों ने 2007-08 मिली राशि का बंदरबांट करते हुए विद्यालय भवन को अधूरा छोड़ दिया और करीब तीन लाख की राशि विभाग को वापस ही नहीं की। शेष अन्य विद्यालयों पर भी एफआइआर की तैयारी की जा रही है।

कई बार नोटिस फिर भी शिक्षकों ने नही लौटाई राशि। 

विद्यालयों में भवन निर्माण को लेकर मिली राशि को वापस करने के लिए झारखंड शिक्षा परियोजना हजारीबाग की ओर कई बार इन शिक्षकों को नोटिस भेजा गया। लेकिन, शिक्षकों ने इसका कोई जवाब नही दिया। ऐसे में एक सप्ताह के अंदर इन शिक्षकों को राशि लौटने का निर्देश दिया गया। राशि नही वापस करने में प्रभारी प्रधानाध्यापक और विद्यालय के अध्यक्ष दोनों पर सर्टिफिकेट केस दर्ज किया जाएगा। साथ ही इन्हें बरही के तीन शिक्षकों की तरह ही जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

इन विद्यालयों के पास बकाया है पैसा

विद्यालय का नाम - - बकाया राशि- कब से बकाया

➡️प्राथमिक विद्यालय चोरदाहा (चौपारण) - 4.31 लाख - 2011-12

➡️प्राथमिक विद्यालय कोनरकला (बरही) - 2.27 लाख 2005-06

➡️नव प्राथमिक विद्यालय चट्टनियासिंघा (बरकट्टा)- 4.61 लाख 2012-13

➡️नव प्राथमिक विद्यालय कोजिया (केरेडारी )- 2.73 लाख - 2012-13

➡️उत्क्रमित मध्य विद्यालय बेड़म (टाटीझरिया) - 2.79 लाख 2012-13

➡️मध्य विद्यालय बरकाखुर्द (इचाक) - 2.70 लाख 2012-13

➡️नव प्राथमिक विद्यालय कवालू (बरकट्ठा) 4 लाख - 2012-13

सभी को नोटिस किया गया है। सरकारी पैसा रखने वाले विद्यालयों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी-पुष्पा कुजूर, जिला शिक्षा पदाधिकारी हजारीबाग। 

टिप्पणियाँ