इको सेंसिटिव जोन अंतर्गत पड़ने वाले 218 गांव के ग्रामीण एवं क्रशर माइंस व्यवसायी संघ से जुड़े सदस्यों ने सरकार से आरपार की लड़ाई पर सहमति बनी है। वक्ताओं ने कहा कि कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
इको सेंसिटिव जोन अंतर्गत पड़ने वाले 218 गांव के ग्रामीण एवं क्रशर माइंस व्यवसायी संघ से जुड़े सदस्यों ने सरकार से आरपार की लड़ाई पर सहमति बनी है। वक्ताओं ने कहा कि कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
इचाक हजारीबाग: इको सेंसिटिव जोन अंतर्गत पड़ने वाले 218 गांव के ग्रामीण एवं क्रशर माइंस व्यवसायी संघ से जुड़े सदस्यों ने सरकार से आरपार की लड़ाई पर सहमति बनी है। वक्ताओं ने कहा कि कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जाएगा।
इस संबंध में सोमवार को सिझुआ हाई स्कूल मैदान में बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता क्रशर माइंस एसोसिएशन के जिला सचिव प्रसादी मेहता ने की और संचालन राजेश कुमार मेहता ने किया। बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष उमेश प्रसाद मेहता, सांसद प्रतिनिधि भागवत प्रसाद मेहता, क्रशर माइंस एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष सह मुखिया चौहन महतो, मुखिया उमेश प्रसाद, पूर्व उप प्रमुख चंद्रदेव प्रसाद मेहता के अलावा कई लोग मौजूद थे। बैठक में सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा इचाक, बरकट्ठा, पदमा और दारू प्रखंड अंतर्गत संचालित क्रशर पर बुलडोजर चलाने की घटना की निंदा की गई। वक्ताओं ने कहा कि क्रशर एवं पत्थर व्यवसाय के बंद होने से क्षेत्र में बेरोजगारी का आलम है।
कोरोना काल में वापस लौटे प्रवासी मजदूरों को जीविकोपार्जन में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। संघ के सदस्यों ने कहा कि 218 गांव को इको सेंसेटिव जोन में लाने से कुएं की खुदाई, नाली निर्माण, बोरिंग, भवन निर्माण समेत अन्य कई तरह के निर्माण कार्यों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके चलते आने वाले समय में 218 गांव के ग्रामीणों को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है। जिसके लिए ग्रामीणों एवं व्यवसायी के बीच समन्वय स्थापित कर आर-पार की लड़ाई लड़ने का निर्णय लिया गया। लोगों ने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के कारण करोड़ों रुपए की लागत से खड़ा किया गया व्यवसाय को प्रशासन ने ध्वस्त कर दिया। जिसके कारण बैंक एवं साहूकार से कर्ज लेने वाले व्यवसायियों के समक्ष संकट की स्थिति उत्पन्न हो गई है। ऐसे में पीएलआई दायर कर सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने की जरूरत है। बैठक में संतोष प्रसाद मेहता, जय प्रकाश मेहता, दीपक कुमार मेहता के अलावा सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे।
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