जिले के 1585 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की वज्रपात से सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध नही है।

वज्रपात से सुरक्षा को लेकर स्कूलों में नही है। तड़ित चालक 


जिले के 1585 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की वज्रपात से सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध नही है।

जिले के 1585 सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं की वज्रपात से सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध नही है। कितने स्कूलों में तड़ित चालक लगाएं गये है इसकी जानकारी शिक्षा महकमा के पदाधिकारियों को नही है। बरसात शुरू होने के बाद से ही वज्रपात का खतरा मंडरा रहा है।


वज्रपात होने की घटनाएं भी हो रही है। इससे शिक्षा विभाग सबक नही ले रहा है। दो लाख से अधिक बच्चे की जिंदगी भगवान भरोसे है। बताया जाता है कि 2008-09 में प्राइमरी व मिडिल स्कूल का जो भवन बना था उसमें तड़ित चालक लगाने का भी प्रावधान बजट में किया गया था। एक तड़ित चालक पर लगभग 36 हजार रूपये खर्च किये गये थे। किसी किसी स्कूल में तो दो तड़ित चालक लगाये गये। तड़ित चालक लगाने में गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद अचानक इसकी चोरी होने लगी। कहा जाता है कि तड़ित चालक लगाने में हुई गड़बड़ी से बचने के लिए चोरी कराई गई। कुछ माह इसकी चर्चा विभाग में होती रही और मामला ठंडा पड़ गया। कितने स्कूलों में तड़ित चालक लगे है इसकी रिपोर्ट स्कूलों के प्रधानाध्यापक से मांगा गया है। रिपोर्ट की समीक्षा नही होने से मामला फाइलों में ही दब कर रह गया है।


 

टिप्पणियाँ