भाकपा माओवादी के सक्रिय सदस्य सरकार ने किया सरेंडर, टीपीसी के 7 सदस्यों की निर्मम हत्या में था शामिल।


भाकपा माओवादी के सक्रिय सदस्य सरकार ने किया सरेंडर, टीपीसी के 7 सदस्यों की निर्मम हत्या में था शामिल। 

पहाड़ी, पगडंडी समेत रास्तों का है जानकार, साथियों को सुरक्षित राह दिखाने में था बड़ा मददगार। 
कुख्यात माओवादी अनिल भुईयां उर्फ सरकार ने एक रायफल और 10 जिंदा गोलियों के साथ सोमवार को सरेंडर कर दिया।
उसने हजारीबाग डीसी नैंसी सहाय, एसपी मनोज रतन चोथे
और सीआरपीएफ 22 बटालियन के कमांडेंट के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाला उग्रवादी अनिल भुइयां उर्फ अनिल रिखियाशन पिता कीटन भुईयां बड़कागांव के पलाण्डू पोस्ट गोसाई बलिया का रहने वाला है। उग्रवादियों का गाइड भी था अनिल बताया जा रहा है।  कि संगठन में काम करते हुए अनिल को इलाके की अच्छी जानकारी हो गयी थी। यही वजह है।  कि वह अपने साथियों को बड़ी आसानी से रास्ता बताकार एक इलाके से दूसरे इलाके में जाने में मदद करता था। बता दें कि उसके खिलाफ पुलिस फाइल में कुछ 16 संगीन कांड दर्ज हैं। इसमें से 2017 में टीपीसी के 7 सदस्यों की निर्मम हत्या में भी अनिल की सक्रिया भूमिका रही है। सरकार ने जिस हथियार के साथ उसने सरेंडर किया उसे भी पुलिस से लूटी गई थी। पुलिस द्वारा उग्रवादियों के खिलाफ लगातार चलाये जा रहे अभियान से वह काफी डरा हुआ था।  और वह कुछ दिनों से भागा भागा फिर रहा था। साथ ही उसने परिवार के लोगों की सलाह पर
झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उसने सरेंडर का मन बनाया और पुलिस के एक आलाधिकारी से संपर्क किया। सोमवार को उसने
एक 0.303 रायफल और 10 प्रभावित जिंदा गोलियों के साथ उसने सरेंडर कर दिया। मौके पर डीसी के अलावे एसपी,
सीआरपीएफ समादेष्टा राकेश कुमार सिन्हा, 203 कोबरा
बटालियन, सदर एसडीओ बड़कागांव एसडीपीओ, डीएसपी
सीसीआर व अन्य उपस्थित थे। पुलिस के डर से लगातार अपना ठिकाना बदल रहे माओवादी बता दें कि उग्रवादियों के खिलाफ झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के द्वारा लगातार अभियान चलाया जा रहा है। अभियान से उग्रवादी काफी डरें हैं।  और लगातार अपना ठिकाना बदलते फिर रहे हैं।
शनिवार को ही अभियान से डरकर और संगठन में शोषण से परेशान खूंखार माओवादी जतरू खेरवार ने लोहरदगा पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया था।

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