हजारीबाग के शिवम को प्रधानमंत्री के हाथों मिला देश के बेस्ट एनसीसी कैंडिडेट का मेडल

हजारीबाग के शिवम को प्रधानमंत्री के हाथों मिला देश के बेस्ट एनसीसी कैंडिडेट का मेडल

शिवम के पिता अजीत कुमार सिंह बिहार रेजिमेंट से सूबेदार के पद से रिटायर हुए हैं। वे हजारीबाग शहर के विकास नगर मुहल्ले में रहते हैं।

दयाल कॉलेज दिल्ली से बीएससी कर रहा है शिवम, पिछले साल भी प्रधानमंत्री के हाथों मिला था सम्मान!


कोई बेटा या बेटी किसी क्षेत्र में उपलब्धि हासिल कर राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाते हैं तो उस लाल पर उसके गांव, जिला और राज्य के लोग भी गर्व करने लग जाते हैं। शनिवार को हजारीबाग के ऐसे ही एक लाल शिवम कुमार ने अपने परिवार, गांव और शहर के लोगों को बड़ी खुशी दी। सुबह से उसके परिवार के लोगों को इस बात का बेसब्री से इंतजार था कि कब शाम हो और उसके बेटे शिवम को राष्ट्रीय स्तर पर बेस्ट एनसीसी कैंडिडेट का मेडल से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने हाथों से नवाजे शाम होते ही लगभग 5:45 बजे दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में एनसीसी कार्यक्रम शुरू हुआ और घंटों शहर में पिता और अन्य सदस्य, गाँव मोकतमा,इचाक में दादा और परिवार के अन्य सदस्य अपनी लाल की उपलब्धि को निहारने के लिये कोई मोबाइल तो कोई टीवी पर नजरे गड़ाये रहे। कार्यक्रम के समापन से पहले प्रधानमंत्री ने देशभर के बेस्ट परफार्मरों को सम्मानित करना शुरू किया तो उसमें एक नाम हजारीबाग के शिवम कुमार का भी पुकारा गया। उसे आयोजन के गवाह बने। 

बतौर बेस्ट एनसीसी कैंडिडेट का मेडल प्रधानमंत्री ने पहनाया। शिवम ने यह गौरव दिल्ली के दयाल कॉलेज में पढ़ते हुए हासिल की है। वह यहां से बीएससी कर रहा है। शिवम के पिता अजीत कुमार सिंह बिहार रेजिमेंट से सूबेदार के पद से रिटायर हुए हैं। वे हजारीबाग शहर के विकास नगर मुहल्ले में रहते हैं। ये मूल रूप से इचाक के मंगुरा पंचायत के मोकतमा के रहनेवाले हैं। शिवम ने दसवीं एंजेल्स हाई स्कूल हजारीबाग (2018) और बारहवीं संत जेवियर्स स्कूल हजारीबाग (2020) से की है। इससे पहले भी 15 अगस्त को पैगसूट से जंपिंग में बतौर एनसीसी कैंडिडेट वह पीएम के हाथों सम्मान पा चुका है पर इस बार राष्ट्रीय स्तर पर अव्वल रहने पर उसने सम्मान प्राप्त किया। गौरतलब है कि इस साल एनसीसी अपनी स्थापना का 75वां वर्ष मना रहा है। इस आयोजन में प्रधानमंत्री शरीक हुए। वहीं 'वसुधैव कुटुम्बकम' की सच्ची भारतीय भावना के अनुरूप 19 देशों के 196 अधिकारियों और कैडेटों भी इस समारोह में इस आयोजन के गवाह बने। 

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